लखनऊ। बहुजन समाज पार्टी (बसपा) सुप्रीमो मायावती ने रविवार को एक बड़ा फैसला लेते हुए अपने भतीजे आकाश आनंद को पार्टी के राष्ट्रीय कोऑर्डिनेटर और राजनीतिक उत्तराधिकारी के पद से हटा दिया। मायावती के इस सख्त फैसले के बाद आकाश आनंद ने पहली बार अपनी चुप्पी तोड़ी और सोशल मीडिया पर एक भावुक पोस्ट लिखते हुए अपनी प्रतिक्रिया दी। उन्होंने जहां इस फैसले का सम्मान किया, वहीं विरोधियों को भी करारा जवाब दिया।
आकाश आनंद ने क्या कहा?
सोमवार को आकाश आनंद ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर अपनी प्रतिक्रिया दी। उन्होंने लिखा, “मैं मायावती जी का कैडर हूं और उनके नेतृत्व में मैंने त्याग, निष्ठा और समर्पण के ऐसे सबक सीखे हैं जो जीवनभर मेरे साथ रहेंगे। यह केवल एक विचार नहीं बल्कि मेरे जीवन का उद्देश्य है। आदरणीय बहन जी का हर फैसला मेरे लिए पत्थर की लकीर की तरह है और मैं पूरी ईमानदारी से उनके हर निर्णय का सम्मान करता हूं।”
उन्होंने आगे लिखा, “मुझे पार्टी के सभी पदों से मुक्त करने का फैसला मेरे लिए व्यक्तिगत रूप से भावनात्मक है, लेकिन यह एक नई चुनौती भी लेकर आया है। परीक्षा कठिन है और लड़ाई लंबी है, लेकिन ऐसे समय में धैर्य और संकल्प ही सच्चे साथी होते हैं। एक सच्चे कार्यकर्ता की तरह मैं पार्टी और मिशन के लिए पूरी निष्ठा से काम करता रहूंगा और आखिरी सांस तक अपने समाज के हक की लड़ाई लड़ता रहूंगा।”
विरोधियों को करारा जवाब
आकाश आनंद ने उन विरोधियों पर भी निशाना साधा जो यह मान रहे हैं कि उनकी राजनीतिक पारी खत्म हो गई। उन्होंने लिखा, “कुछ लोग सोच रहे हैं कि इस फैसले से मेरा राजनीतिक करियर खत्म हो गया है, लेकिन उन्हें समझना चाहिए कि बहुजन मूवमेंट कोई करियर नहीं बल्कि यह करोड़ों दलित, शोषित, वंचित और गरीबों के आत्म-सम्मान और स्वाभिमान की लड़ाई है। यह एक विचारधारा है, जिसे कभी दबाया नहीं जा सकता। इस मिशन को जलाए रखने के लिए लाखों आकाश आनंद तैयार हैं।”
मायावती ने क्यों लिया इतना बड़ा फैसला?
रविवार को बसपा की राष्ट्रीय बैठक के बाद मायावती ने आकाश आनंद को सभी जिम्मेदारियों से मुक्त करने का ऐलान किया। उन्होंने कहा कि अब वह अपनी आखिरी सांस तक पार्टी में किसी को उत्तराधिकारी नहीं बनाएंगी। मायावती ने यह भी स्पष्ट किया कि इस कार्रवाई के लिए पार्टी नहीं बल्कि आकाश आनंद के ससुर अशोक सिद्धार्थ जिम्मेदार हैं।
गौरतलब है कि अशोक सिद्धार्थ को पिछले महीने बसपा से निष्कासित कर दिया गया था। मायावती ने उन्हें पार्टी विरोधी गतिविधियों में शामिल होने के आरोप में हटाया था। माना जा रहा है कि इसी के चलते उन्होंने आकाश आनंद पर भी कार्रवाई की है।
पहले भी हो चुका है विवाद
मायावती ने पहले आकाश आनंद को अपना उत्तराधिकारी घोषित किया था, लेकिन पिछले साल लोकसभा चुनाव के दौरान एक विवादित बयान के कारण उन्होंने यह ओहदा वापस ले लिया था। हालांकि, कुछ समय बाद उन्होंने दोबारा आकाश आनंद को अपना उत्तराधिकारी बना दिया था। लेकिन अब उन्होंने साफ कर दिया कि वह अपनी आखिरी सांस तक पार्टी की कमान खुद संभालेंगी और किसी को उत्तराधिकारी नहीं बनाएंगी।
बसपा में हलचल, आगे क्या?
मायावती के इस फैसले के बाद बसपा के अंदर भी हलचल मची हुई है। जहां एक ओर कुछ लोग इसे पार्टी में अनुशासन बनाए रखने का कदम बता रहे हैं, वहीं दूसरी ओर इसे बसपा के भविष्य के लिए बड़ा झटका माना जा रहा है। पार्टी में आकाश आनंद को युवा नेतृत्व के रूप में देखा जाता था और उनकी सक्रियता से कार्यकर्ताओं में नई ऊर्जा आई थी। अब देखना होगा कि बसपा इस फैसले के बाद क्या रणनीति अपनाती है और आकाश आनंद खुद को कहां खड़ा करते हैं।