CAG रिपोर्ट में खुलासा, कोरोना के वक्त लोग तड़पते रहे, AAP सरकार फंड भी खर्च नहीं कर पाई

नई दिल्ली। दिल्ली में हाल ही में पेश की गई कैग (CAG) रिपोर्ट ने आम आदमी पार्टी (AAP) सरकार की बड़ी लापरवाहियों को उजागर किया है। रिपोर्ट के मुताबिक, कोरोना काल में जब लोग ऑक्सीजन और इलाज के लिए तरस रहे थे, तब दिल्ली सरकार ने हेल्थ सेक्टर के लिए अलॉट किए गए फंड का इस्तेमाल तक नहीं किया। इसी रिपोर्ट के आधार पर सोमवार को दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री पंकज कुमार सिंह ने आम आदमी पार्टी पर जमकर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि पिछली सरकार फंड का सही इस्तेमाल करने में फेल रही और इस वजह से जनता को भारी परेशानी उठानी पड़ी।

दिल्ली के अस्पतालों के लिए फंड अलॉट, लेकिन खर्च ही नहीं हुआ!

स्वास्थ्य मंत्री पंकज कुमार सिंह ने कहा कि 2016-22 के दौरान चार बड़े अस्पतालों – राजीव गांधी सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल, एलएनजेपी, जनकपुरी सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल और चाचा नेहरू बाल चिकित्सालय के लिए भारी बजट अलॉट किया गया था, लेकिन इसे पूरी तरह खर्च नहीं किया गया। उन्होंने आरोप लगाया कि आम आदमी पार्टी ने सिर्फ वादे किए, लेकिन धरातल पर कोई काम नहीं हुआ।

“कोरोना के समय जब लोग ऑक्सीजन और दवाई के लिए तड़प रहे थे, तब दिल्ली सरकार फंड का सही इस्तेमाल तक नहीं कर पाई। अस्पतालों की हालत बद से बदतर हो गई और यहां तक कि गर्भवती महिलाओं के आहार तक का ध्यान नहीं रखा गया। यह सीधे-सीधे सरकार की नाकामी को दिखाता है।” – पंकज कुमार सिंह, स्वास्थ्य मंत्री

10 हजार बेड का वादा, लेकिन सिर्फ 1367 ही मिले!

AAP सरकार के हेल्थ मॉडल पर सवाल उठाते हुए पंकज कुमार सिंह ने कहा कि 2016-17 में 10,000 नए बेड लगाने का वादा किया गया था, लेकिन केवल 1367 बेड ही जोड़े गए। उन्होंने आरोप लगाया कि आम आदमी पार्टी की सरकार प्राइवेट अस्पतालों के साथ मिलीभगत कर रही थी, जिससे सरकारी अस्पतालों की हालत और भी खराब होती चली गई।

21% स्टाफ की कमी, अस्पतालों में एमरजेंसी सुविधाओं का अभाव

CAG रिपोर्ट के मुताबिक, दिल्ली के अस्पतालों में 21% कर्मचारियों की कमी थी, जिससे पैरामेडिकल स्टाफ की उपलब्धता भी बुरी तरह प्रभावित हुई। इस वजह से मरीजों को सही समय पर इलाज नहीं मिल पाया। रिपोर्ट में यह भी सामने आया कि एम्बुलेंस, जरूरी इक्विपमेंट और दवाइयों की भारी कमी थी।

“कोरोना जैसी आपदा के समय अस्पतालों में कर्मचारियों की भारी कमी थी। मरीजों को उचित इलाज नहीं मिल पाया। सरकार को पहले से इसकी तैयारी करनी चाहिए थी, लेकिन वह सिर्फ विज्ञापनों में व्यस्त रही।” – पंकज कुमार सिंह

ब्लैकलिस्टेड कंपनियों से दवाई खरीदने का आरोप

स्वास्थ्य मंत्री ने CAG रिपोर्ट का हवाला देते हुए कहा कि अरविंद केजरीवाल सरकार ब्लैकलिस्टेड कंपनियों से दवाई खरीद रही थी, जिसमें एक्सपायर्ड दवाइयां भी शामिल थीं। इतना ही नहीं, 86 कॉन्ट्रैक्ट में से सिर्फ 24 को ही पास किया गया, जिससे वित्तीय नुकसान भी हुआ।

“सरकार ने दवाई की खरीद के लिए लोकल दुकानों का सहारा लिया, जिससे न सिर्फ गुणवत्ता प्रभावित हुई बल्कि सरकार को बड़ा वित्तीय घाटा भी झेलना पड़ा। यह सरकार की लापरवाही और भ्रष्टाचार को दर्शाता है।” – पंकज कुमार सिंह

HIMS सिस्टम लागू करने की तैयारी में नई सरकार

दिल्ली की नई सरकार अब हेल्थ सेक्टर को सुधारने के लिए कई बड़े कदम उठाने जा रही है। हॉस्पिटल इंफॉर्मेशन मैनेजमेंट सिस्टम (HIMS) लागू करने की योजना बनाई गई है, जिससे मरीजों को ऑनलाइन माध्यम से इलाज की सुविधा मिलेगी।

“हमारी सरकार दिल्ली के अस्पतालों में डिजिटल टेक्नोलॉजी लाने जा रही है, जिससे मरीजों को घर बैठे इलाज की जानकारी मिलेगी। सरकारी अस्पतालों को प्राइवेट अस्पतालों से भी बेहतर बनाने की दिशा में काम किया जाएगा।” – पंकज कुमार सिंह

AAP पर आरोप, शीशमहल बनवाने में व्यस्त थी सरकार

स्वास्थ्य मंत्री ने आम आदमी पार्टी की कार्यशैली पर भी सवाल उठाए और कहा कि जब दिल्ली के लोग कोरोना से जूझ रहे थे, तब AAP सरकार शीशमहल बनाने में व्यस्त थी। उन्होंने कहा कि कैग रिपोर्ट से यह साफ है कि आम आदमी पार्टी की प्राथमिकता जनता नहीं, बल्कि अपने नेताओं की सुख-सुविधाएं थीं।

“दिल्ली की जनता को अस्पतालों में इलाज नहीं मिला, लेकिन सरकार शीशमहल बनाने में करोड़ों रुपये खर्च कर रही थी। जनता अब यह सब देख रही है और बहुत जल्द इसका जवाब भी देगी।” – पंकज कुमार सिंह

क्या होगा आगे?

CAG रिपोर्ट के खुलासे के बाद दिल्ली की राजनीति गर्मा गई है। दिल्ली की विधानसभा में इस मुद्दे पर गहमागहमी बढ़ने की संभावना है। सरकार अब इस मामले की विस्तृत जांच कराने की तैयारी में है, जिससे उन लोगों पर कार्रवाई की जा सके जो इसके लिए जिम्मेदार थे।

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