संसद में बजट सत्र के दूसरे चरण की कार्यवाही चल रही है, और इस दौरान तृणमूल कांग्रेस (TMC) के सांसद कीर्ति आजाद ने बीजेपी पर तीखा हमला बोला। उन्होंने आरोप लगाया कि घोटाले का मुद्दा उठाने के बाद उन्हें पार्टी से निकाल दिया गया, जैसे विभीषण को लंका से बाहर किया गया था। उन्होंने अर्थव्यवस्था, बेरोजगारी और केंद्र सरकार की नीतियों पर भी सवाल उठाए।
कीर्ति आजाद ने बीजेपी पर क्या कहा?
सदन में चर्चा के दौरान कीर्ति आजाद ने बीजेपी पर निशाना साधते हुए कहा, “मुझसे बेहतर इन लोगों को कोई नहीं जानता। मैंने क्रिकेट में 400 करोड़ रुपए के घोटाले के मामले को उठाया, तो मुझे विभीषण की तरह लंका से निकाल दिया गया।” उन्होंने यह भी कहा कि उन्हें पार्टी से निकालने का कारण उनका सच उजागर करना था।
अर्थव्यवस्था और बेरोजगारी पर हमला
कीर्ति आजाद ने केंद्र सरकार की आर्थिक नीतियों और बेरोजगारी के मुद्दे पर भी तीखा हमला किया। उन्होंने कहा, “साल 2022 तक पांच हजार अरब डॉलर की अर्थव्यवस्था का लक्ष्य रखा गया था, लेकिन सरकार ने यह लक्ष्य अब तक पूरा नहीं किया।” उन्होंने यह भी दावा किया कि साल 2022 से पश्चिम बंगाल की केंद्रीय हिस्सेदारी का बकाया पैसा सरकार ने नहीं दिया है।
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण पर तंज
कीर्ति आजाद ने वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण पर भी तंज कसा। उन्होंने कहा, “वित्त मंत्री से जब प्याज के दाम के बारे में पूछा गया, तो उन्होंने कहा कि उन्हें नहीं पता क्योंकि वह प्याज नहीं खातीं।” उन्होंने कटाक्ष करते हुए आगे कहा, “पेट्रोल और डीजल तो हम भी नहीं खाते, लेकिन हमें पता है कि दाम कितना बढ़ गया है।”
कीर्ति आजाद का राजनीतिक सफर
कीर्ति आजाद बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री भागवत झा आजाद के बेटे हैं। उन्होंने बिहार के दरभंगा से बीजेपी के टिकट पर साल 2014 का लोकसभा चुनाव लड़ा था और जीत भी दर्ज की थी। 2019 में वे कांग्रेस में शामिल हो गए, और 2021 में तृणमूल कांग्रेस (TMC) में शामिल हो गए।
क्या है विभीषण वाला मुद्दा?
कीर्ति आजाद ने अपने भाषण में खुद की तुलना विभीषण से की। विभीषण रामायण का एक पात्र है, जिसने सच का साथ देते हुए रावण का साथ छोड़ दिया था। आजाद ने कहा कि जिस तरह विभीषण को लंका से निकाल दिया गया था, उसी तरह उन्हें भी बीजेपी से निकाल दिया गया क्योंकि उन्होंने घोटाले का मुद्दा उठाया था।
बीजेपी का क्या रुख?
बीजेपी ने अभी तक कीर्ति आजाद के आरोपों पर कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया नहीं दी है। हालांकि, पार्टी के कुछ नेताओं ने निजी तौर पर इन आरोपों को बेबुनियाद बताया है।