दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की मुश्किलें कम होने का नाम नहीं ले रही हैं. सत्ता गंवाने के बाद से अब तक उनके खिलाफ कई कानूनी मामले दर्ज हो चुके हैं. अब एक नया झटका देते हुए राउज एवेन्यू कोर्ट ने FIR दर्ज करने का आदेश दिया है.
क्या है पूरा मामला?
मामला 2019 का है जब केजरीवाल समेत आम आदमी पार्टी के दो अन्य नेताओं पर सार्वजनिक धन के दुरुपयोग का आरोप लगाया गया था. शिकायत में कहा गया था कि दिल्ली में विभिन्न स्थानों पर बड़े-बड़े होर्डिंग लगवाए गए थे, जिनका खर्च सरकारी खजाने से किया गया. शिकायत में केजरीवाल, पूर्व विधायक गुलाब सिंह और द्वारका की पार्षद रही नितिका शर्मा को दोषी ठहराया गया था.
अब कोर्ट ने इस शिकायत को गंभीरता से लेते हुए पुलिस को 18 मार्च तक रिपोर्ट सौंपने का आदेश दिया है.
एक महीने में दूसरी बार फंसे केजरीवाल!
यह पहली बार नहीं है जब केजरीवाल के खिलाफ FIR की मांग उठी है. फरवरी में भी उन पर हरियाणा के शाहबाद पुलिस थाने में मामला दर्ज हुआ था. तब उन्होंने हरियाणा सरकार पर यमुना नदी के पानी में “जहर” मिलाने का आरोप लगाया था. यह बयान विवादों में आ गया और केजरीवाल के खिलाफ FIR दर्ज हो गई.
क्या था हरियाणा वाला मामला?
हरियाणा के शाहबाद निवासी जगमोहन मनचंदा ने केजरीवाल के बयान पर आपत्ति जताते हुए शिकायत दर्ज कराई थी. इसमें कहा गया कि अरविंद केजरीवाल ने चुनाव प्रचार के दौरान हरियाणा सरकार पर झूठे आरोप लगाए, जिससे हिंदुओं की धार्मिक भावनाएं आहत हुईं और दिल्ली-हरियाणा के लोगों के बीच विवाद भड़क सकता था.
इन धाराओं में दर्ज हुई थी FIR:
- बीएनएस की धारा-192,
- धारा-196(1),
- धारा-197(1),
- धारा-248(a),
- धारा-299
शिकायतकर्ता ने दावा किया था कि केजरीवाल ने जानबूझकर यह बयान दिया था कि “दिल्ली में हरियाणा सरकार यमुना नदी के जरिए जहर मिला रही है.”
राजनीतिक रूप से बढ़ती मुश्किलें
केजरीवाल के खिलाफ लगातार बढ़ते कानूनी मामलों से साफ है कि राजनीतिक रूप से भी उनकी राह आसान नहीं होगी.
- पहले दिल्ली की सत्ता से बाहर हुए.
- अब कानूनी शिकंजा कसता जा रहा है.
- 2024 के लोकसभा चुनावों से पहले यह घटनाक्रम अहम माना जा रहा है.
राजनीतिक जानकारों का कहना है कि अगर केजरीवाल पर और भी मामले दर्ज होते हैं तो उनका और AAP का भविष्य दांव पर लग सकता है.