Tuesday, April 1, 2025

क्या बलिया बनेगा भारत का नया कच्चा तेल स्रोत? ONGC की खुदाई से जागी उम्मीदें!

ONGC Drilling in Ballia: भारत में ऊर्जा संसाधनों की खोज लगातार जारी है, और इसी दिशा में उत्तर प्रदेश के बलिया जिले में एक बड़ा खुलासा होने की संभावना है। गंगा बेसिन के सागरपाली क्षेत्र में कच्चे तेल और प्राकृतिक गैस के भंडार मिलने की उम्मीद जताई जा रही है। इस खोज को मूर्त रूप देने के लिए ऑयल एंड नेचुरल गैस कॉरपोरेशन (ONGC) ने खुदाई शुरू कर दी है।

बलिया के स्वतंत्रता सेनानी ‘शेरे बलिया’ चित्तू पांडे की 12 बीघा जमीन को ONGC ने तीन साल के लिए अधिग्रहण कर लिया है। उनके परिजनों से हुए समझौते के तहत, (ONGC Drilling in Ballia) हर साल 10 लाख रुपये का भुगतान किया जाएगा। ONGC इस क्षेत्र में 3000 मीटर गहराई तक खुदाई करने की योजना बना रही है, जिससे यह पता लगाया जा सके कि यहां वास्तव में कच्चे तेल और प्राकृतिक गैस का कितना बड़ा भंडार छुपा हुआ है।

यह खोज न सिर्फ बलिया बल्कि पूरे उत्तर प्रदेश के लिए एक बड़ी आर्थिक उपलब्धि साबित हो सकती है। अगर तेल और गैस का भंडार यहां मिलता है, तो यह क्षेत्र देश के ऊर्जा उत्पादन में एक महत्वपूर्ण योगदान दे सकता है।

स्वतंत्रता सेनानी चित्तू पांडे की जमीन पर शुरू हुई खुदाई

यह खोज बलिया के स्वतंत्रता सेनानी ‘शेरे बलिया’ चित्तू पांडे के पैतृक क्षेत्र में की जा रही है। ONGC ने चित्तू पांडे के परिजनों से तीन साल के लिए 12 बीघा जमीन का अधिग्रहण किया है। बदले में, कंपनी हर साल 10 लाख रुपये का भुगतान कर रही है, और पहला भुगतान पहले ही हो चुका है। विनय पांडे, जो चित्तू पांडे के प्रपौत्र हैं, उन्होंने बताया कि करीब छह महीने पहले ONGC की टीम ने उनके परिवार से संपर्क किया और बताया कि इस क्षेत्र में तेल और प्राकृतिक गैस का बड़ा भंडार होने की संभावना है। इसके बाद तीन साल के लिए जमीन का अनुबंध हुआ और खुदाई शुरू कर दी गई।

3000 मीटर गहराई तक होगी खुदाई

ONGC ने इस क्षेत्र में 3000 मीटर गहराई तक खुदाई करने की योजना बनाई है। पूरे इलाके में भारी-भरकम मशीनें लगाई गई हैं, और आधुनिक ड्रिलिंग उपकरणों से खुदाई की जा रही है। इस खुदाई से यह पता लगाया जाएगा कि इस क्षेत्र में तेल और प्राकृतिक गैस के व्यावसायिक उत्पादन की कितनी संभावना है।

ग्रामीणों में खुशी, विकास की उम्मीदें बढ़ीं

तेल और गैस भंडार मिलने की संभावना से गांव के लोग बेहद उत्साहित हैं। स्थानीय ग्राम प्रधान ने कहा कि “अगर बलिया में कच्चा तेल या प्राकृतिक गैस का उत्पादन शुरू हो जाता है, तो यह पूरे जिले के लिए क्रांतिकारी बदलाव लाएगा। रोजगार के अवसर बढ़ेंगे, और क्षेत्र का आर्थिक विकास होगा।”

गांव के एक अन्य निवासी ने कहा कि “पहली बार बलिया किसी बड़ी औद्योगिक परियोजना का केंद्र बन सकता है। अगर यह खोज सफल होती है, तो यहां इंडस्ट्री विकसित होगी और स्थानीय युवाओं को नौकरी के बेहतरीन अवसर मिलेंगे।”

ONGC ने तीन साल तक किया था सर्वेक्षण

बताया जा रहा है कि ONGC ने पिछले तीन वर्षों में बलिया से लेकर प्रयागराज तक गंगा बेसिन का गहन अध्ययन किया। इस दौरान कंपनी ने सैटलाइट इमेजिंग, भू-रासायनिक विश्लेषण, गुरुत्वीय-चुंबकीय परीक्षण और मैग्नेटो-टेल्यूरिक (MT) सर्वे किए। इन रिपोर्ट्स में संकेत मिले कि इस क्षेत्र के गहरे भूभाग में बड़े पैमाने पर तेल और गैस भंडार हो सकते हैं।

अगर तेल-गैस मिल गया, तो क्या होगा फायदा?

अगर बलिया में तेल और प्राकृतिक गैस का उत्पादन शुरू हो जाता है, तो इससे उत्तर प्रदेश को आत्मनिर्भर बनाने में मदद मिलेगी। इसके अलावा… रोजगार के नए अवसर मिलेंगे… स्थानीय व्यापार और उद्योगों को बढ़ावा मिलेगा… बलिया और पूर्वांचल में बुनियादी ढांचे का विकास तेज होगा… भारत के ऊर्जा संसाधनों में उत्तर प्रदेश का योगदान बढ़ेगा। ONGC की यह खोज अगर सफल होती है, तो बलिया भारत के ऊर्जा मानचित्र पर एक नए और महत्वपूर्ण केंद्र के रूप में उभरेगा। अब सबकी नजरें खुदाई के नतीजों पर टिकी हैं।

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