Saturday, April 19, 2025

रामलला की शरण में समाजवादी पार्टी, अखिलेश यादव को आखिर क्या है चिंता? जानिए पूरी खबर!

समाजवादी पार्टी से स्थानीय सांसद व पूर्व मंत्री अवधेश प्रसाद ने रामनवमी के दिन पहली बार नव्य भव्य धाम में पहुंचकर रामलला का दर्शन किया। सांसद  समाजवादी टोपी व लाल गमछे में राम मंदिर पहुंचे। रविवार को स्वजन के साथ जन्मोत्सव से पूर्व ही रामलला का दर्शन कर अपना संकल्प पूरा किया। उन्होंने बीते वर्ष जून माह में लोकसभा चुनाव जीतने के बाद चैत्र शुक्ल नवमी को ही रामलला का दर्शन करने का संकल्प किया था।

सांसद ने पत्रकारों से बात करते हुए कहा कि उन्होंने रामलला से देश की खुशहाली की प्रार्थना की है। बोले, अयोध्या की जनता ने मुझे जिताया है, मैं उम्मीदों पर खरा उतरूं। (Akhilesh Yadav ) अब तक दर्शन नहीं करने के सवाल पर कहा, राम तो हमारे रोम-रोम में बसे हैं। अवधेश प्रसाद ने दावा किया कि जल्द ही अखिलेश यादव अयोध्या रामलला का दर्शन करने आएंगे। तो क्या यह हाल ही में वक्फ बोर्ड संशोधन बिल, औरंगजेब विवाद, राणा सांगा कंट्रोवर्सी में हुई फजीहत के बाद डैमेज कंट्रोल की कोशिश है? या अयोध्या विधान सभा चुनाव हारने के बाद स्थानीय स्तर पर लोगों को मनाने की बात है? आइये जानते है इसके असली कारण क्या है

सपा…राजपूतों के बीच विवाद

हाल के दिनों में समाजवादी पार्टी हिंदुओं से दूर होती नजर आई, खासकर राणा सांगा और औरंगजेब विवादों के बाद। इन विवादों ने राजपूतों की नाराजगी को बढ़ा दिया, जिसके बाद सपा सांसद रामजीलाल सुमन के घर को घेरने की नौबत आ गई। रामजी लाल सुमन अब भी राणा सांगा के बारे में अपनी अपमानजनक टिप्पणी पर कायम हैं। इस बीच, अखिलेश यादव बीजेपी पर आरोप लगाते हुए कहते रहे कि यूपी सरकार जानबूझकर यह सब करवा रही है।

राणा सांगा विवाद को लेकर यूपी में दलित बनाम राजपूत की स्थिति बनाने की कोशिशें हुईं, लेकिन सरकार की सख्ती से यह नहीं हो सका। अब अखिलेश यादव को लग रहा है कि पार्टी मुसलमानों के प्रति ज्यादा झुकी नजर आ रही है। इसी वजह से पहले सपा सांसद अवधेश प्रसाद ने परिवार के साथ रामलला मंदिर में दर्शन किए, और अब अखिलेश यादव के जाने की तैयारी है। प्रसाद ने कहा कि उन्होंने प्रभु श्रीराम से जनता की खुशहाली की प्रार्थना की है।

अखिलेश यादव की चिंता केवल बीजेपी तक सीमित नहीं है, उन्हें कांग्रेस का राज्य में बढ़ता प्रभाव भी चिंता में डाल रहा है। कांग्रेस की दिल्ली जैसी रणनीति से समाजवादी पार्टी और आरजेडी सकते में हैं। खासकर वक्फ बिल और राणा सांगा-औरंगजेब विवाद पर कांग्रेस का अलग रुख अखिलेश को परेशान कर रहा है। कांग्रेस हिंदू सवर्ण वोटरों को ध्यान में रखते हुए इस रणनीति को अपना रही है। इसलिए अखिलेश यादव अयोध्या पहुंचकर डैमेज कंट्रोल करने की तैयारी में हैं।

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