Saturday, April 19, 2025

आज से भारत पर लागू होगा ट्रंप का 26% टैरिफ, सरकार ने बुलाई कैबिनेट की मीटिंग

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के द्वारा भारत पर लगाए गए 26% टैरिफ की घोषणा से भारतीय निर्यातकों और व्यापारियों में चिंता की लहर दौड़ गई है। यह टैरिफ आज से लागू हो गया है, और अब अमेरिका में निर्यात किए जाने वाले सभी भारतीय उत्पादों पर यह शुल्क लागू होगा। इस टैरिफ का भारत से अमेरिका को होने वाले निर्यात पर बड़ा असर पड़ेगा। आइए जानते हैं कि इस फैसले का भारत के व्यापार और निर्यात पर क्या असर पड़ेगा।

जिन देशों पर हैं भारत के कम टैरिफ, उनकी तुलना में महंगे होंगे भारतीय प्रोडक्ट

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने करीब 180 देशों पर रेसिप्रोकल टैरिफ लागू किया है, जो कि आज से प्रभावी हो गया। इस फैसले के तहत भारत पर 26% शुल्क लगाया गया है, जिसका सीधा असर भारतीय उत्पादों की प्रतिस्पर्धा पर पड़ेगा। इसके चलते भारत से अमेरिका भेजे जाने वाले सामान की कीमत बढ़ेगी, जिससे भारतीय उत्पादों की प्रतिस्पर्धा कमजोर हो सकती है, खासकर उन देशों के मुकाबले जिन पर कम टैरिफ लगाया गया है।

भारत से एक्सपोर्ट होने वाले इस सभी प्रोडक्ट्स पर पड़ेगा असर

भारत का अमेरिकी बाजार में प्रमुख निर्यात इलेक्ट्रॉनिक्स, रत्न और आभूषण, ऑटोमोबाइल और टेक्सटाइल हैं। इनमें से सबसे ज्यादा प्रभावित होने वाला क्षेत्र दवाओं का होगा। भारत से अमेरिका हर साल करीब 12 अरब डॉलर से अधिक की दवाएं और फार्मास्युटिकल प्रोडक्ट्स आयात करता है। ऐसे में इस टैरिफ के लागू होने से भारत का व्यापार घाटा बढ़ सकता है और यह पूरे फार्मा सेक्टर पर दबाव बना सकता है।

टैरिफ से कम हो सकता है भारत का व्यापार सरप्लस

भारत और अमेरिका के बीच 2023-24 में 35.32 अरब डॉलर का व्यापार सरप्लस था। हालांकि, इस टैरिफ के लागू होने से भारत का व्यापार सरप्लस घट सकता है। भारत से अमेरिका का निर्यात 73.7 अरब डॉलर था, जबकि अमेरिका से आयात केवल 39.1 अरब डॉलर था। लेकिन अमेरिकी आंकड़े इससे थोड़े अलग हैं, जो कि भारत से 91.2 अरब डॉलर का निर्यात और 34.3 अरब डॉलर का आयात दिखाते हैं। इस टैरिफ के कारण व्यापार पर असर पड़ेगा और भारत को इसका नुकसान हो सकता है।

ट्रंप-मोदी की दोस्ती के बाद भी भारत पर इसलिए लगाया गया टैरिफ

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप के बीच अच्छी दोस्ती की कई मिसालें रही हैं, जैसे कि ‘हाउडी मोदी’ और ‘नमस्ते ट्रंप’ रैलियां। बावजूद इसके, ट्रंप कई बार भारत को ‘टैरिफ किंग’ कह चुके हैं। उनका कहना है कि भारत बहुत अधिक टैरिफ वसूलता है, जो वैश्विक व्यापार के लिए सही नहीं है। इस कारण ट्रंप ने भारत पर 26% टैरिफ लगाने का फैसला किया। हालांकि आपको बता दें कि भारत पर लगने वाला टैरिफ चीन, कनाडा आदि देशों की तुलना में काफी कम है।

भारतीय टैरिफ और अमेरिकी टैरिफ में है बड़ा अंतर

वर्ल्ड ट्रेड ऑर्गनाइजेशन (WTO) के आंकड़ों के अनुसार, भारत में औसत टैरिफ 17% है, जबकि अमेरिका में यह सिर्फ 3.3% है। भारत में आने वाले अमेरिकी उत्पादों पर 37.66% टैरिफ लगता है, जबकि अमेरिका भारत से आयात होने वाली समान पर केवल 5.29% शुल्क लेता है। उदाहरण के तौर पर, भारत में ऑटोमोबाइल पर 24.14% टैरिफ है, जबकि अमेरिका में यह मात्र 1.05% है। ट्रंप का मानना है कि इन टैरिफ बदलावों से अमेरिका का व्यापार घाटा कम किया जा सकता है।

ट्रंप टैरिफ से निपटने के लिए कैबिनेट की मीटिंग आयोजित

इस नए टैरिफ के लागू होने के बाद भारत सरकार निर्यातकों के साथ मिलकर इस पर रणनीति तय करने की तैयारी कर रही है। केंद्रीय कैबिनेट की आज सुबह 11 बजे बैठक में इस मुद्दे पर चर्चा हो सकती है। इसके साथ ही वाणिज्य मंत्रालय निर्यातकों के साथ बैठक कर उन्हें इस बदलाव से निपटने के लिए दिशा-निर्देश भी दे सकता है।

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