महंगाई को लेकर राहत की खबर आई है। सब्जी सहित कुछ खाद्य वस्तुओं की कीमतें नरम पड़ने से थोक महंगाई में राहत मिली है। (Inflation Relief) मार्च में थोक मूल्य सूचकांक आधारित मुद्रास्फीति घटकर 2.05 प्रतिशत रह गई। यह छह महीने में सबसे निचली दर है। इससे पहले फरवरी में थोक मूल्य सूचकांक आधारित मुद्रास्फीति दर 2.38 फीसदी थी।
मार्च में खाद्य मुद्रास्फीति दर 1.57%
महंगाई में राहत के इस गणित को लेकर उद्योग मंत्रालय का कहना है कि पिछले महीने महंगाई की सकारात्मक दर के पीछे कई वजह हैं। इनमें उत्पाद, खाद्य वस्तु, बिजली और कपड़ा विनिर्माण की बढ़ती कीमत हैं। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक मंत्रालय का कहना है कि सितंबर 2024 में थोक मूल्य सूचकांक आधारित मुद्रास्फीति 1.91 प्रतिशत थी। यह मार्च में दर्ज की गई 2.05 प्रतिशत से कम है। थोक मूल्य सूचकांक के आंकड़ों के मुताबिक खाद्य मुद्रास्फीति फरवरी में 3.38 प्रतिशत से घटकर मार्च में 1.57 प्रतिशत हो गई।
खुदरा महंगाई दर में गिरावट
मार्च 2025 में खुदरा मुद्रास्फीति भी मामूली रूप से घटकर करीब छह साल के निचले स्तर 3.34 प्रतिशत पर आ गई। जबकि अगस्त 2019 में यह 3.28 प्रतिशत के करीब रही थी। उपभोक्ता मूल्य सूचकांक आधारित मुद्रास्फीति फरवरी में 3.61 प्रतिशत रही, जबकि पिछले साल मार्च में 4.85 प्रतिशत पर रही थी। इसी तरह खाद्य मुद्रास्फीति मार्च में 2.69 प्रतिशत रही। जो फरवरी में 3.75 प्रतिशत और मार्च 2024 में 8.52 प्रतिशत थी।
सब्जी के दामों में गिरावट से राहत
मार्च 2025 में सब्जियों में 15.88 प्रतिशत की बड़ी गिरावट आई। फरवरी 2024 से डबल डिजिट में बढ़ रही आलू की मुद्रास्फीति मार्च 2025 में गिर गई। मार्च 2025 में आलू की मुद्रास्फीति 6.77 प्रतिशत रही। प्याज की मुद्रास्फीति भी फरवरी में 48.05 प्रतिशत से कम होकर मार्च में 26.65 प्रतिशत हो गई। हालांकि मार्च में बने प्रोडक्ट्स में 3.07 प्रतिशत की वृद्धि देखने को मिली। जो फरवरी में 2.86 प्रतिशत थी। इसके अलावा ईंधन और बिजली में भी मार्च में 0.20 प्रतिशत का इजाफा हुआ, फरवरी में यह दर 0.71 प्रतिशत रही।