पाकिस्तान में इन दिनों हवा में तनाव का जहर घुला हुआ है। पहलगाम आतंकी हमले के बाद भारत के संभावित सैन्य प्रतिशोध के डर से पाकिस्तानी राष्ट्रपति ने 5 मई को नेशनल असेंबली की आपात बैठक बुलाई है। इस बैठक में देश के सभी प्रमुख राजनीतिक दलों के नेताओं के साथ-साथ सैन्य प्रमुख भी शामिल होंगे। पाकिस्तानी मीडिया के अनुसार, यह बैठक संसद भवन, इस्लामाबाद में शाम 5 बजे होगी।
क्यों बुलाई गई यह आपात बैठक?
दरअसल पाकिस्तान के संविधान के अनुच्छेद 54 की धारा (1) के तहत बुलाई गई यह बैठक तब होती है जब देश की सुरक्षा को गंभीर खतरा महसूस हो। सूत्रों के अनुसार, इस बैठक में मुख्य रूप से भारत के साथ बढ़ते तनाव और संभावित सैन्य टकराव पर चर्चा होगी। पाकिस्तानी सेना प्रमुख जनरल आसिम मुनीर लगातार सुरक्षा बैठकें कर रहे हैं, जो इस्लामाबाद की चिंता को दर्शाता है।
क्या इमरान खान देंगे सरकार का साथ?
इस बैठक में सबसे दिलचस्प पहलू होगा जेल में बंद पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान की पार्टी पीटीआई का रुख। हालांकि इमरान खान ने हाल ही में एक बयान में कहा था कि वह भारत के खिलाफ सरकार का साथ देंगे। सेना प्रमुख ने इमरान से मदद मांगने के लिए अपने चार जनरलों को जेल भी भेजा था। राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि यह बैठक पाकिस्तान की आंतरिक राजनीति में नए मोड़ ला सकती है।
भारत की कार्रवाई से बढ़ी पाकिस्तान की टेंशन
पहलगाम आतंकी हमले के बाद भारत ने पाकिस्तान के खिलाफ जो सख्त कार्रवाई शुरू की है, उसने इस्लामाबाद की नींद उड़ा दी है। सिंधु जल संधि को निलंबित करने के साथ ही भारत ने सभी पाकिस्तानी नागरिकों के वीजा रद्द कर दिए हैं और राजनयिक संबंधों में भारी कटौती की है।
अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पाकिस्तान को अलग-थलग करने के भारत के प्रयासों ने इस्लामाबाद की मुश्किलें और बढ़ा दी हैं। पाकिस्तानी विदेश मंत्री बिलावल भुट्टो का “सिंधु नदी में पानी की जगह खून बहाने” का बयान और लगातार हो रहे मिसाइल परीक्षण साफ दिखाते हैं कि पाकिस्तान भारत के संभावित सैन्य प्रतिशोध से काफ़ी खौफजदा है।
क्या हैं इस आपात बैठक के मायने?
विशेषज्ञों का मानना है कि पाकिस्तान की यह आपात बैठक देश के लिए निर्णायक मोड़ साबित हो सकती है। संभावना है कि पाकिस्तान अंतरराष्ट्रीय समुदाय से समर्थन मांगने के साथ-साथ अपनी सैन्य तैयारियां और बढ़ाएगा। साथ ही वह आतंकी गुटों पर दबाव बनाने का नाटक भी कर सकता है। हालांकि भारत ने स्पष्ट कर दिया है कि वह पाकिस्तान को उसके किए की सजा जरूर देगा। अब देखना यह है कि क्या पाकिस्तान की यह बैठक उसे भारत के क्रोध से बचा पाएगी या फिर यह सिर्फ एक दिखावा भर होगा। एक बात तय है कि पहलगाम हमले के बाद भारत का रुख पहले से कहीं अधिक मजबूत और निर्णायक हो गया है।