Wednesday, May 7, 2025

पहलगाम हमले के बाद भी कांग्रेस समझ नहीं रही देश का मूड? क्या जानबूझकर कर रही है अनदेखी?

पहलगाम हमले के बाद देश का माहौल अत्यंत संवेदनशील और राष्ट्रवादी बना हुआ है… देश की जनता पाक के खिलाफ कठोर कार्रवाई और राष्ट्रीय एकता की उम्मीद कर रही है। प्रमुख विपक्षी पार्टी कांग्रेस ने भी पहलगाम हमले के लिए पाकिस्तान की निंदा की है। पर सिद्धारमैया, वडेट्टीवार, राबर्ड वाड्रा और अजय राय जैसे नेताओं के विवादास्पद बयानों और सोशल मीडिया पर नकारात्मक प्रचार ने यह धारणा बनाई कि पार्टी पाक के खिलाफ एक्शन नहीं चाहती है। (Pahalgam Terror Attack)अब सवाल यह उठता है कि क्या कांग्रेस देश के माहौल को पूरी तरह समझ नहीं पा रही या न चाहते हुए भी उसके नेताओं से गलतियां हो जा रही हैं। खासकर जब असदुद्दीन ओवैसी जैसे नेताओं ने इस माहौल का बेहतर उपयोग किया है…. क्या कांग्रेस वास्तव में कन्फ्यूज है?

पाकिस्तान के खिलाफ युद्ध

पहलगाम में आतंकी हमले के बाद पाकिस्तान के खिलाफ युद्ध छेड़ने पर चल रही बहस के बीच कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्दरमैया ने शनिवार को कहा कि इस समय पाकिस्तान के खिलाफ युद्ध छेड़ने की कोई आवश्यकता नहीं है। इस पर भाजपा ने प्रतिक्रिया देते हुए कहा है कि पहलगाम हमले पर उनकी सलाह की कोई जरूरत नहीं है और वह पाकिस्तान के साथ युद्ध पर टिप्पणी करने के लिए अयोग्य हैं।

वहीं सांसद प्रियंका गांधी के पति रॉबर्ट वाड्रा ने सुझाव दिया कि हमले में गैर-मुस्लिमों को निशाना बनाया गया क्योंकि आतंकवादी मानते हैं कि भारत में मुस्लिमों के साथ बुरा व्यवहार हो रहा है. इस बयान ने विवाद को और बढ़ाया। फिर महाराष्ट्र कांग्रेस के वरिष्ठ नेता विजय वडेट्टीवार ने इस दावे पर सवाल उठाया है कि क्या आतंकवादियों के पास इतना समय था कि वे धर्म पूछने के बाद लोगों पर गोलियां चलाते?

कांग्रेस ने एक पोस्टर जारी किया, जिसमें पीएम मोदी को गायब बताया गया, यह सुझाव देते हुए कि वे हमले के बाद जनता से संवाद नहीं कर रहे। बीजेपी ने इसे पाकिस्तान की लाइन पर चलने वाला कदम कहा।

4 मई 2025 को लखनऊ में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान, अजय राय ने पहलगाम हमले के संदर्भ में केंद्र सरकार की आतंकवाद विरोधी नीति पर सवाल उठाते हुए एक प्रतीकात्मक विरोध प्रदर्शन किया। अजय राय ने एक राफेल विमान के खिलौना मॉडल पर नींबू और मिर्ची लटकाकर प्रदर्शन किया। उन्होंने कहा कि सरकार ने करोड़ों रुपये खर्च करके राफेल विमान मंगवाए थे, लेकिन आज वे सिर्फ हैंगर में खड़े हैं. उन पर तो नींबू और मिर्ची लटकी हुई हैं। क्या ये लड़ाकू विमान केवल नजरबट्टू बनाकर रख दिए गए हैं।

आंतरिक मतभेद या बदली रणनीति?

कांग्रेस पार्टी पहलगाम अटैक के बाद देश के माहौल को लेकर असमंजस में दिखी। सवाल यह है कि क्या पार्टी माहौल को समझ नहीं पा रही या फिर आंतरिक समन्वय की कमी है? हालांकि, राहुल गांधी, प्रियंका गांधी और केसी वेणुगोपाल ने सरकार के साथ खड़े होकर एक नया संदेश दिया। विवादित पोस्टर हटाने के पीछे भी इन्हीं नेताओं का दबाव बताया गया। वेणुगोपाल ने CWC प्रस्ताव का पालन करने का निर्देश जारी किया, जिसे प्रियंका गांधी ने रीट्वीट कर समर्थन दिया।

एंटी राष्ट्रवाद…

कांग्रेस के बड़े नेताओं का रुख देखकर ऐसा नहीं लगता है कि पार्टी देश के माहौल को समझ नहीं रही है… पर कांग्रेस पार्टी का बरसों पुराना संगठन इतना कमजोर हो चुका है जिसके चलते नेतृत्व की बातें पार्टी के निचले लेवल तक पहुंच ही नहीं पाती हैं। दूसरे ये भी है कि पार्टी के अधिकतर लोगों को लगता है कि मोदी और बीजेपी को जितना घेरेंगे उतना ही हाईकमान को अच्छा लगेगा। पूर्व में कांग्रेस राष्ट्रवादी भावनाओं को पूरी तरह से अपनाने में संकोच दिखाती रही है। इसलिए अधिकतर कांग्रेसियों को लगता है कि एंटी राष्ट्रवाद हमारे बड़े नेताओं को पसंद आता है।

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