Sunday, May 18, 2025

अब SBI में एफडी पर मिलेगा कम ब्याज – जानिए नई दरें और स्कीम का असर

अगर आपने भारतीय स्टेट बैंक (SBI) में फिक्स्ड डिपॉजिट कर रखी है या करने का सोच रहे हैं, तो ये खबर आपके लिए बेहद अहम है। SBI ने एक बार फिर एफडी की ब्याज दरों में कटौती कर दी है। बैंक की ये नई दरें 16 मई 2025 से लागू हो गई हैं, और ये बदलाव सीधे-सीधे आपकी कमाई को प्रभावित करेंगे। गौरतलब है कि SBI ने पिछले महीने ही यानी 15 अप्रैल 2025 को भी ब्याज दरें घटाई थीं, और अब फिर से यह कटौती की गई है। आइए विस्तार से जानते हैं कि किस योजना और अवधि पर कितनी ब्याज दर बदली गई है।

सभी अवधियों की FD पर 20 बेसिस पॉइंट की कटौती

भारतीय स्टेट बैंक ने सभी टर्म डिपॉजिट (FD) की ब्याज दरों में 20 बेसिस पॉइंट्स (bps) की कटौती की है। अब सामान्य नागरिकों को 3 करोड़ रुपये से कम की एफडी पर सालाना 3.30% से लेकर 6.70% तक का ब्याज मिलेगा। पहले यही ब्याज दर 3.50% से 6.90% तक थी। यानी अब आपकी एफडी पर कम ब्याज मिलेगा, जिससे आपकी रिटर्न पर असर पड़ना तय है।

‘अमृत वृष्टि’ योजना पर भी गिरी ब्याज की बारिश

SBI की लोकप्रिय स्पेशल एफडी योजना ‘अमृत वृष्टि’ (Amrit Kalash) भी इस बार कटौती की मार से नहीं बच सकी है। 444 दिन की इस विशेष योजना पर ब्याज दर को घटाकर 7.05% से 6.85% कर दिया गया है। यह बदलाव आम नागरिकों पर लागू होगा और इसका असर उन निवेशकों पर भी पड़ेगा, जो ज्यादा मुनाफा कमाने के लिए इस स्कीम का चुनाव करते हैं।

ATM service charges increased

वरिष्ठ नागरिकों के लिए क्या रहेगी ब्याज दर

SBI ने बुजुर्गों के लिए एफडी पर थोड़ी राहत जरूर बरकरार रखी है, लेकिन कटौती यहां भी नजर आई है। 60 वर्ष से ऊपर के नागरिकों को 7.35% सालाना ब्याज मिलेगा। जबकि 80 वर्ष या उससे अधिक उम्र वाले सुपर सीनियर सिटीजन को अब 7.45% की दर से ब्याज मिलेगा। इसके अलावा, SBI V-Care Scheme में भी ब्याज दर घटा दी गई है, जो खासतौर पर वरिष्ठ नागरिकों के लिए पेश की जाती थी।

क्या करें निवेशक?

अगर आपने हाल ही में एफडी करवाई है, तो राहत की बात ये है कि पुराने निवेश पर दरों में कोई असर नहीं पड़ेगा। लेकिन अगर आप भविष्य में एफडी की योजना बना रहे हैं, तो नए रेट्स के हिसाब से ही आपको ब्याज मिलेगा। बचत और सुरक्षित निवेश के लिहाज से एफडी अब थोड़ा कम फायदेमंद हो सकता है। ऐसे में बेहतर होगा कि आप मार्केट से जुड़ी योजनाओं जैसे म्यूचुअल फंड्स या पोस्ट ऑफिस स्कीम्स का भी तुलनात्मक विश्लेषण करें।

मनी लॉन्ड्रिंग और हवाला

SBI में एफडी करवाना हुआ महंगा

एसबीआई का यह कदम भले ही बैंक की आर्थिक रणनीति के तहत लिया गया हो, लेकिन आम निवेशकों के लिए यह साफ तौर पर एक झटका है। अब जरूरी हो गया है कि निवेशक सिर्फ ब्याज दर ही नहीं, बल्कि अपनी पूरी फाइनेंशियल प्लानिंग पर फिर से नजर डालें।

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