पिछले कुछ दिनों से कुछ मीडिया हाउसेज में खबरें चल रही थीं कि भारत और पाकिस्तान के बीच हुआ संघर्षविराम समझौता आज खत्म होने जा रहा है। इन खबरों ने सीमा पर रहने वाले लोगों में बेचैनी पैदा की और सोशल मीडिया पर भी तरह-तरह की चर्चाएं शुरू हो गईं। भारतीय सेना ने इन तमाम अफवाहों को सिरे से खारिज करते हुए कहा कि ऐसी खबरें पूरी तरह निराधार हैं। सेना ने स्पष्ट किया कि 12 मई को दोनों देशों के डायरेक्टर जनरल ऑफ मिलिट्री ऑपरेशंस (DGMO) के बीच हुई बातचीत में बनी सहमति अब भी कायम है और इसे खत्म करने की कोई समय-सीमा तय नहीं की गई है।
DGMO वार्ता की अटकलों पर क्या बोली सेना?
कुछ मीडिया रिपोर्ट्स ने यह भी दावा किया कि आज DGMO लेवल पर दोनों देशों के बीच कोई अहम बातचीत होने वाली है। इन खबरों ने यह संदेश देने की कोशिश की कि शायद संघर्षविराम को लेकर कोई नया फैसला लिया जा सकता है। हालांकि, भारतीय सेना ने इस पर भी अपनी स्थिति साफ करते हुए कहा कि आज ऐसी कोई वार्ता निर्धारित नहीं है। सेना के इस बयान से उन तमाम कयासों को झटका लगा है, जो बेवजह की अटकलों को हवा दे रहे थे।
संघर्षविराम रहेगा अनिश्चित काल तक
भारत और पाकिस्तान के बीच 10 मई को हुआ संघर्षविराम समझौता दोनों देशों के लिए एक अहम कदम रहा। इस समझौते ने न केवल नियंत्रण रेखा पर गोलीबारी और हिंसा को कम किया, बल्कि सीमा पर रहने वाले लोगों को भी राहत दी। सेना ने अपने बयान में जोर देकर कहा कि यह समझौता अनिश्चितकाल तक लागू रहेगा। इसका मतलब है कि दोनों देश इस शांति को बनाए रखने के लिए प्रतिबद्ध हैं। यह समझौता न केवल सैन्य स्तर पर, बल्कि कूटनीतिक दृष्टि से भी दोनों देशों के बीच विश्वास बहाली का एक जरिया बना हुआ है।
भ्रम फैलाने वालों को दी चेतावनी
सेना ने अपने बयान में उन मीडिया संस्थानों और व्यक्तियों को भी आड़े हाथों लिया, जो बिना तथ्यों की जांच किए ऐसी खबरें फैला रहे थे। सेना ने लोगों से अपील की कि वे ऐसी अफवाहों पर ध्यान न दें और केवल आधिकारिक सूत्रों से मिलने वाली जानकारी पर भरोसा करें। यह बयान न केवल अफवाहों को रोकने के लिए है, बल्कि सीमा पर शांति और स्थिरता बनाए रखने की दिशा में भी एक मजबूत कदम है।
क्या आगे संघर्षविराम टूटेगा?
भारत और पाकिस्तान के बीच संघर्षविराम समझौता दोनों देशों के लिए एक सुनहरा अवसर है, जिससे न केवल सीमा पर शांति बनी रहे, बल्कि आपसी बातचीत और सहयोग के नए रास्ते भी खुलें। भारतीय सेना का यह बयान न केवल अफवाहों को खारिज करता है, बल्कि यह भी दर्शाता है कि भारत शांति के प्रति अपनी प्रतिबद्धता को लेकर गंभीर है। उम्मीद है कि दोनों देश इस समझौते का सम्मान करेंगे और सीमा पर अमन-चैन का माहौल कायम रहेगा।