देश में प्रोटोकॉल को लेकर कड़े नियम बनाए जाते हैं। इस दौरान तमाम बातों का भी ध्यान रखा जाता है। हाल ही में देश ने नव नियुक्त मुख्य न्यायाधीश बीआर गवई प्रोटोकॉल का पालन न होने पर नाराज दिखे। दरअसल वे रविवार को महाराष्ट्र दौरे पर पहुंचे थे। जब वे यहां पहुंचे तो अगवानी के लिए महाराष्ट्र के मुख्य सचिव, पुलिस निदेशक और मुंबई पुलिस कमिश्नर जैसे वरिष्ठ अधिकारी मौजूद नहीं थे। हालांकि सीजेआई ने जब नाराजगी जताई तो कुछ घंटे के बाद कार्यक्रम में तीनों अधिकारी मौजूद रहे। उन्होंने सार्वजनिक रूप से अधिकारियों को प्रोटोकॉल का पाठ पढ़ाया। चलिए जानें कि सीजेआई के लिए आखिर क्या प्रोटोकॉल होते हैं और उनको किस कैटेगरी की सुरक्षा मिलती है।
सीजेआई के लिए क्या है प्रोटोकॉल
चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया जब किसी राज्य का दौरा कर रहे होते हैं तो उनकी अगवानी से लेकर स्वागत और ठहरने तक के प्रोटोकॉल का पालन किया जाता है। इस दौरान राज्य के प्रमुख अधिकारी, डीजीपी और बाकी ऑफिसरों को अगवानी और स्वागत के लिए वहां पर उपस्थित होना चाहिए। इसके अलावा राज्य सरकार में जो भी वरिष्ठ मंत्री हों वे भी समारोह में उपस्थित हो सकते हैं।
जरूरी होती है अधिकारियों की उपस्थिति
एयरपोर्ट से लेकर कार्यक्रम स्थल तक सीजेआई के लिए सुरक्षा घेरे को सुनिश्चित किया जाता है। सीजेआई जब भी किसी कार्यक्रम में हिस्सा लेते हैं तो राज्य के प्रमुख अधिकारी और प्रशासनिक अधिकारी को उपस्थित रहना जरूरी होता है। इसके अलावा राज्य सरकार की ओर से वीआईपी गेस्ट हाउस की भी व्यवस्था कराई जाती है। इन प्रोटोकॉल का पालन करना जरूरी माना जाता है।
सीजेआई की सुरक्षा
चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया का पद बहुत प्रतिष्ठित होता है। इस वजह से उनको आमतौर पर Z या Z+ श्रेणी की सुरक्षा दी जाती है। न्यायाधीशों की सुरक्षा उनके कार्यकाल के दौरान कभी भी कम नहीं की जाती है, जब तक कोई खास कारण न हो। इसके अलावा सीजेआई के पास उनकी सुरक्षा सीमा तय करने और उसका आंकलन करने का भी अधिकार होता है। वे इसे घटा और बढ़ा भी सकते हैं।