रविवार सुबह कोच्चि तट से करीब 38 नॉटिकल मील दूर एक बड़ा हादसा हुआ। लाइबेरिया का मालवाहक जहाज MSC एल्सा 3, जो विशाखापट्टनम से कोच्चि जा रहा था, अचानक डगमगाने लगा। जहाज में पानी घुसने लगा और वो 26 डिग्री तक झुक गया। सुबह करीब 7:50 बजे वो पूरी तरह डूब गया। भारतीय तटरक्षक बल ने इसकी पुष्टि की है। शुक्र है कि इस हादसे में कोई जान नहीं गई, क्योंकि नौसेना और तटरक्षकों ने फटाफट एक्शन लिया।
नौसेना और तटरक्षकों की जांबाजी
जैसे ही जहाज से डिस्ट्रेस कॉल आई, भारतीय तटरक्षक बल और नौसेना हरकत में आ गए। मुश्किल हालात के बावजूद उन्होंने शानदार कोआर्डिनेशन दिखाया। 24 में से 21 लोगों को तटरक्षक बल ने अपनी नावों और हेलीकॉप्टरों की मदद से रेस्क्यू किया। बाकी 3 लोग, जिनमें कप्तान और दो इंजीनियर शामिल थे, को नौसेना के जहाज INS सुजाता ने सुरक्षित निकाला। अगर ये ऑपरेशन वक्त पर न हुआ होता, तो ये हादसा बड़ी त्रासदी में बदल सकता था।
तेल रिसाव का खतरा
हालांकि, सारे लोग सुरक्षित हैं, लेकिन खतरा अभी टला नहीं है। MSC एल्सा 3 में 640 कंटेनर थे, जिनमें 13 में खतरनाक सामान और 12 में कैल्शियम कार्बाइड था। इसके अलावा जहाज में 84.44 टन डीजल और 367.1 टन फर्नेस ऑयल भी था। अगर इनमें से कुछ भी लीक हुआ, तो समुद्री जीव-जंतुओं और तटीय इलाकों को भारी नुकसान हो सकता है। तटरक्षक बल ने अपनी शिप ‘सक्षम’ तैनात की है और हवाई निगरानी भी शुरू कर दी है। अभी तक कोई तेल रिसाव नहीं दिखा, लेकिन वो हर पल नजर रखे हुए हैं।
समुद्री सुरक्षा पर सवाल
इस हादसे ने समुद्री जहाजों की सेफ्टी को लेकर बड़े सवाल खड़े कर दिए हैं। भले ही सब लोग बच गए, लेकिन जहाज का इतनी जल्दी डूब जाना चिंता की बात है। प्राधिकरण अब इसकी जांच करेंगे कि आखिर बैलेंस बिगड़ने और डूबने की वजह क्या थी। क्या तेज हवाएं थीं, लोडिंग में गड़बड़ थी या कोई और कारण? भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए कड़े कदम उठाने होंगे।