कांग्रेस नेता और लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने चुनाव आयोग से सवाल किया है कि महाराष्ट्र और हरियाणा विधानसभा चुनावों की मतदाता सूची का डेटा कब तक साझा किया जाएगा। दरअसल, खबर है कि चुनाव आयोग ने 2009 से 2024 तक दोनों राज्यों की वोटर लिस्ट शेयर करने का फैसला किया है। राहुल ने इस कदम की तारीफ तो की, लेकिन साथ ही पूछा कि आखिर ये डेटा कब तक उपलब्ध होगा।
एक्स पर राहुल का पोस्ट और स्क्रीनशॉट
राहुल गांधी ने एक्स पर एक पोस्ट में चुनाव आयोग के इस फैसले को अच्छा कदम बताया। उन्होंने एक मीडिया रिपोर्ट का स्क्रीनशॉट भी शेयर किया, जिसमें दावा किया गया है कि चुनाव आयोग ने हरियाणा और महाराष्ट्र की वोटर लिस्ट का डेटा 2009 से 2024 तक साझा करने का रास्ता साफ कर दिया है। इस स्क्रीनशॉट के मुताबिक, चुनाव आयोग ने दिल्ली हाई कोर्ट को इस साल की शुरुआत में ये आश्वासन दिया था। हालांकि, इस मामले पर चुनाव आयोग की तरफ से अभी कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है। राहुल ने लिखा, “वोटर लिस्ट सौंपने का फैसला पहला अच्छा कदम है। क्या चुनाव आयोग बता सकता है कि ये डेटा कब तक सौंपा जाएगा?”
राहुल के पुराने आरोप और चुनाव आयोग का जवाब
पिछले साल महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में राहुल गांधी ने धांधली के आरोप लगाए थे। इस पर चुनाव आयोग के सूत्रों ने रविवार को कहा कि अगर नेता प्रतिपक्ष इस बारे में आधिकारिक तौर पर लिखते हैं, तभी संवैधानिक निकाय जवाब देगा। सूत्रों ने ये भी बताया कि चुनाव आयोग ने सभी छह राष्ट्रीय दलों को अलग-अलग बातचीत के लिए बुलाया था। पांच दलों के नेता आयोग के अधिकारियों से मिले, लेकिन कांग्रेस ने 15 मई की मीटिंग कैंसिल कर दी थी।
धांधली के आरोपों को चुनाव आयोग ने खारिज किया
चुनाव आयोग ने महाराष्ट्र चुनाव में धांधली के राहुल के आरोपों को सिरे से खारिज कर दिया था। इसके बावजूद राहुल ने शनिवार को फिर से आयोग पर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि चोरी से नहीं, बल्कि सच से चुनाव आयोग की साख बचेगी। राहुल ने महाराष्ट्र चुनाव में ‘मैच-फिक्सिंग’ का आरोप लगाया और दावा किया कि ऐसा ही बिहार के आगामी चुनाव में और उन सभी जगहों पर होगा, जहां बीजेपी हार रही है।