बीजेपी पर भड़ास निकालने तक सीमित रही राजभर की रैली, इस्तीफा देने का यूं किया नाटक

हमेशा अपने बयानों से सरकार और बीजेपी को घेरने वाले सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी से राष्ट्रीय अध्यक्ष ओमप्रकाश राजभर ने बड़ी रैली की। जिसमें उनकी उम्मीद के मुताबिक न तो भीड़ जुटी न ही बड़े धमाके की उम्मीद कर रहे लोगों को कोई धमाका सुनाई पड़ा। हालंकि इस दौरान राजभर ने अपने मन को हल्का करने के लिए सरकार और बीजेपी को चेतावनी भरे लहजे में जमकर खरी खोटी सुनाई।

मैं किसी का गुलाम नहीं

राजभर ने रमाबाई मैदान में आयोजित रैली को संबोधित करते हुए कहा कि वो किसी सरकार के गुलाम नहीं है। राजभर अतिपिछड़ों का गुलाम है, अतिदलितों का गुलाम है। पूर्व की सरकारों पर आरोप लगाते हुए बोले 72 साल की आज़ादी में सपा, बीएसपी, बीजेपी और कांग्रेस की सरकारें आईं, लेकिन गरीबों को उनका हक किसी ने नहीं दिया। हम आपके हक़ की बोलते हैं तो बीजेपी कहती है कि गलत बोल रहे हैं। प्राथमिक विद्यालय में गरीबों के बच्चे पढ़ते हैं, इसलिए उसका बुरा हाल है कोई सरकार प्राथमिक विद्यालय का ध्यान नहीं देती।

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स्कूल नहीं मंदिर बनाना चाहती है सरकार

टीचरों की समस्या पर बोलते हुए कहा कि इस सरकार में टीचरों की भर्ती नहीं हो रही, 3 लाख से ज्यादा टीचर्स के पद खाली हैं लेकिन सरकार उन्हें नहीं भर रही। सरकार स्कूल नहीं मन्दिर बनाना चाहती है। शराब बंदी की मांग करते हुए राजभर ने कहा कि प्रधानमंत्री गुजरात से आते हैं गुजरात मे शराब बन्द  है बिहार में शराब बन्द है, तो यूपी में भी शराब बन्द होनी चाहिए। प्रदेश में 403 विधायक है लेकिन किसी में भी शराब बंदी पर मेरा साथ देने की हिम्मत नहीं है।

सरकार ने नहीं निभाया वादा

राजभर ने सीएम पर आरोप लगाते हुए कहा कि पिछड़ी जाति के लिए जो 27 फीसदी आरक्षण लागू है, मुख्यमंत्री ने सदन में वादा किया था, कि 27 फीसदी आरक्षण में विभाजन करूंगा और अतिपिछड़ी जातियों को कोटे में कोटे का लाभ दूंगा। लेकिन सरकार ने अपना वादा पूरा नहीं किया।

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गुलाम बनकर नहीं रहूंगा

राजभर ने लोगों को संबोधित करते हुए कहा मैं सत्ता का स्वाद चखने नहीं आया, तुम्हारी लड़ाई लड़ने आया हूँ। तुम बताओ तुम्हारी लड़ाई लडू की BJP का गुलाम बनकर रहूं। आप बताओ इस्तीफा दूं कि गुलाम बनकर रहूं, मैंने इस्तीफा देने के लिये मन बना लिया है। अब और गुलाम बनकर नहीं रह सकता। इस दौरान राजभर ने माहौल को भांपते हुए कहा कि  आज मैं इस्तीफा देकर रहूंगा, मुझे हिन्दू मुसलमान, मन्दिर-मस्जिद की लड़ाई नहीं चाहिए, मुझे पिछडों का हक नहीं चाहिए।

भैंस के आगे बीन बजाने से फायदा नहीं

मैं मंत्री बनकर रुपया कमाने नहीं आया था, गरीबों की लड़ाई लड़ने आया था। लेकिन भैंस के आगे बीन बजाने का कोई फायदा नहीं। हिस्सेदारी की लड़ाई में तुम्हारी जाति का नेता तुम्हें गुमराह करेगा, उसके झांसे में मत आना। मन्दिर की नहीं हिस्सेदारी की बात करो, बीजेपी कहती है कि हिस्सा नहीं देंगे, लेकिन मैं हिस्सा लेकर रहूंगा।

पुलिस कर्मियों की लगाई लड़ेंगे

पुलिस कर्मियों की दुखती रग पर हाथ रखते हुए राजभर ने कहा कि पुलिस वाले 18 घण्टे ड्यूटी करते हैं लेकिन तनख्वाह पाते हैं 8 घण्टे की। इसलिए बाकी 10 घण्टे की फीस आपसे लेते हैं, इसलिए पुलिस की लड़ाई भी हमको लड़नी है। पुलिस अपने जिले से 300 किलोमीटर दूर भेज दिए जाते हैं, हमारी मांग है कि उनके जिले से 100 किलोमीटर की दूरी पर ही पोस्ट किया जाए। ताकि वो अपने परिवार के साथ रह पाए और फ्रस्टेशन में गरीबों पर जुल्म ना कर पाएं।

‘मैं मंत्री पद से इस्तीफा दे दूंगा’

बीजेपी पर हमलावर होते हुए राजभर ने कहा कि शिक्षक अभी धरने पर थे, सरकार ने उन्हें लॉलीपॉप दे दिया। ये सरकार राम की नहीं हुई वो किसी की क्या होगी। भगवान राम तिरपाल में हैं और बीजेपी के नेता हेलीकॉप्टर में उड़ते हैं। वहीं इस दौरान जिस बात का सबसे ज्यादा इंतजार था। उसकी बारी आते ही राजभर ने कहा कि मैं मंत्री पद से इस्तीफा दे देता हूं। आप बताईए क्या करना है, तो जनता ने हाथ उठाकर कहा कि इस्तीफा नहीं दो। जिसको राजभर ने मान लिया।

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