AAP नेता नरेश बालियान को कोर्ट से झटका, 2 दिन की पुलिस रिमांड पर भेजा

नई दिल्ली: आम आदमी पार्टी (AAP) के नेता और दिल्ली के विधायक नरेश बालियान को दिल्ली की राउज एवेन्यू कोर्ट से बड़ा झटका लगा है। शनिवार को दिल्ली पुलिस ने उन्हें गिरफ्तार किया, और फिर उन्हें कोर्ट में पेश किया। इस दौरान पुलिस ने नरेश बालियान के खिलाफ जबरन वसूली के मामले में दो दिन की पुलिस रिमांड की मांग की थी, जिसे कोर्ट ने मंजूर कर लिया। हालांकि, पुलिस ने अपनी जांच के लिए 5 दिन की रिमांड की मांग की थी, लेकिन कोर्ट ने दो दिन की रिमांड ही दी।
क्या है मामला?
नरेश बालियान की गिरफ्तारी पिछले साल 2023 में दर्ज हुए एक जबरन वसूली के मामले से जुड़ी है। इस मामले में आरोप है कि बालियान का नाम एक ऑडियो क्लिप में आया था, जिसमें एक शख्स से 1 करोड़ रुपये की फिरौती की मांग की गई थी। इस मामले में दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच ने कार्रवाई करते हुए नरेश बालियान को गिरफ्तार किया है। मामला उस समय का है जब गुरुचरण सिंह नामक व्यक्ति ने 2023 में एक एफआईआर दर्ज कराई थी। एफआईआर में गुरुचरण ने आरोप लगाया था कि उन्हें एक फोन कॉल आया था जिसमें कहा गया था कि “पैसा दो, नहीं तो तुम्हारा वही हाल होगा जो मटियाला वाले का हुआ था।”
कोर्ट में पेशी और पुलिस रिमांड की मांग
गिरफ्तारी के बाद, नरेश बालियान को राउज एवेन्यू कोर्ट में पेश किया गया। इस दौरान दिल्ली पुलिस ने अदालत से उन्हें 5 दिन की रिमांड देने की मांग की, ताकि जांच के दौरान उनसे और जानकारी ली जा सके। पुलिस ने कोर्ट को बताया कि उनके पास आरोपितों के बीच हुई बातचीत का ऑडियो रिकॉर्ड है, और जब उन्हें पूछताछ के लिए बुलाया गया तो नरेश बालियान ने जांच में सहयोग नहीं किया।
हालांकि, कोर्ट ने पुलिस की पांच दिन की रिमांड की मांग को खारिज करते हुए नरेश बालियान को केवल दो दिन की रिमांड दी। इस फैसले के बाद नरेश बालियान के वकील ने कोर्ट के फैसले पर असहमति जताई और गिरफ्तारी को गलत बताते हुए तुरंत रिहाई की मांग की।
बालियान के वकील का बयान
नरेश बालियान के वकील ने मीडिया से बात करते हुए कहा, “ये ऑडियो क्लिप 2023 से सोशल मीडिया पर मौजूद है, लेकिन दिल्ली पुलिस ने तब तक उनकी गिरफ्तारी की जरूरत नहीं महसूस की। अब, चुनाव के दौरान अचानक गिरफ्तारी क्यों की गई? यह पूरी तरह से गलत है।” उन्होंने कहा कि उनका मुवक्किल चुप रहने का अधिकार चुन सकता है, और पुलिस ने उसे चुप रहने के अधिकार से वंचित किया है।
वकील ने यह भी आरोप लगाया कि गिरफ्तारी का कोई ठोस आधार नहीं दिया गया है। उन्होंने कहा, “हम गिरफ्तारी को चुनौती दे रहे हैं। ये गिरफ्तारी सिर्फ एकतरफा और राजनीतिक कारणों से की गई है।” वकील ने दिल्ली पुलिस की ओर से पेश किए गए रिमांड पेपर को भी आलोचना करते हुए कहा कि इसमें यह भी नहीं बताया गया कि ऑडियो क्लिप कहां से आई और इसे सोशल मीडिया पर किसने डाला। इसके अलावा, सुप्रीम कोर्ट के आदेश के अनुसार, गिरफ्तारी का एक लिखित आधार देना चाहिए था, जो पुलिस ने नहीं किया।
पुलिस की तरफ से क्या कहा गया?
दिल्ली पुलिस ने अदालत में अपना पक्ष रखते हुए कहा कि नरेश बालियान को पूछताछ के लिए क्राइम ब्रांच द्वारा बुलाया गया था, लेकिन उन्होंने सहयोग नहीं किया, जिससे पुलिस को गिरफ्तार करने का कदम उठाना पड़ा। पुलिस ने यह भी कहा कि मामले में एक ऑडियो क्लिप है, जिसमें फिरौती की मांग और धमकी दी जा रही है। पुलिस ने इस ऑडियो को प्रमाण के रूप में अदालत में पेश किया।
पुलिस ने कहा कि यह मामला 5 जुलाई 2023 को दर्ज किया गया था, जब शिकायतकर्ता गुरुचरण सिंह ने आरोप लगाया था कि उन्हें फोन पर धमकी दी गई थी कि पैसे ना दिए तो उनके साथ वही होगा जो मटियाला वाले के साथ हुआ था। पुलिस का कहना था कि मामले की जांच चल रही है और रिमांड के दौरान बालियान से और जानकारी मिलने की उम्मीद है।
नरेश बालियान का बयान
वहीं, नरेश बालियान ने गिरफ्तारी के बाद मीडिया से बात करते हुए कहा कि उनकी गिरफ्तारी राजनीतिक कारणों से हुई है और यह पूरी तरह से गलत है। उन्होंने कहा, “मेरे खिलाफ यह कार्रवाई चुनाव के दौरान की गई है। मुझे लगता है कि यह मेरी आवाज़ दबाने की कोशिश है, जो पूरी तरह से गलत है।”
नरेश बालियान का यह बयान दिल्ली विधानसभा चुनावों को लेकर अहम है, क्योंकि उनकी गिरफ्तारी को कई लोग राजनीति से जुड़ा हुआ मान रहे हैं। हालांकि, पुलिस का कहना है कि यह कार्रवाई पूरी तरह से कानूनी प्रक्रिया के तहत की गई है और जांच में सहयोग न करने के कारण गिरफ्तारी की गई।
क्या है आगे का रास्ता?
इस मामले में अब आगे क्या होगा, यह देखना दिलचस्प होगा। पुलिस ने रिमांड की मांग की थी, लेकिन कोर्ट ने केवल दो दिन की रिमांड दी है, और नरेश बालियान के वकील ने उनकी तुरंत रिहाई की मांग की है। इस पूरे मामले में राजनीतिक प्रतिक्रियाएं भी आनी शुरू हो गई हैं, और माना जा रहा है कि इस गिरफ्तारी का असर दिल्ली विधानसभा चुनाव पर पड़ सकता है।
दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच अब इस मामले की जांच कर रही है, और आगे आने वाले दिनों में इस मामले में नए मोड़ आ सकते हैं।

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