सत्येंद्र जैन के मनी लॉन्ड्रिंग मामले में ED ने दिल्ली हाई कोर्ट में की अपील, ट्रायल पर रोक की मांग

आम आदमी पार्टी (AAP) के नेता और दिल्ली सरकार के पूर्व मंत्री सत्येंद्र जैन के खिलाफ चल रहे मनी लॉन्ड्रिंग के मामले में एक नया मोड़ आया है। प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने दिल्ली हाई कोर्ट में याचिका दायर कर सत्येंद्र जैन के खिलाफ चल रहे ट्रायल पर रोक लगाने की मांग की है। इस मामले की सुनवाई दिल्ली हाई कोर्ट के जस्टिस विकास महाजन ने की, जिन्होंने सत्येंद्र जैन को नोटिस जारी किया है और मामले पर उनका जवाब भी मांगा है।

ED ने क्या कहा?

ED का कहना है कि इस मामले में नया डेवलेपमेंट हुआ है और जब तक सप्लीमेंट्री चार्जशीट दाखिल नहीं हो जाती, तब तक निचली अदालत में चल रही सुनवाई को स्थगित कर दिया जाना चाहिए। ED ने कोर्ट से यह भी कहा कि अपराध की आय की राशि को लेकर नई जांच चल रही है, जिसके आधार पर सप्लीमेंट्री चार्जशीट दाखिल करनी है। इस कारण से मामले में और सुनवाई नहीं होनी चाहिए।

दिल्ली हाई कोर्ट ने इस मामले की अगली सुनवाई 3 मार्च को निर्धारित की है। कोर्ट ने ED की याचिका पर एक बड़ा कदम उठाते हुए सत्येंद्र जैन से इस याचिका पर अपना जवाब दाखिल करने के लिए कहा है।

बीएनएसएस की धारा 218 के तहत मुकदमा चलाने की बात

इससे पहले केंद्रीय गृह मंत्रालय ने इस मामले में एक बड़ा कदम उठाया था। गृह मंत्रालय ने राष्ट्रपति से अनुरोध किया था कि सत्येंद्र जैन पर भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता (BNS), 2023 की धारा 218 के तहत मुकदमा चलाया जाए। यह अनुरोध राष्ट्रपति के पास मंजूरी के लिए भेजा गया था।

ED ने धन शोधन निवारण अधिनियम (PMLA) के तहत अपनी जांच में कई सबूत जुटाए हैं, जिसके आधार पर यह अनुरोध किया गया है।

AAP नेता सत्येंद्र जैन पर आरोप

AAP के वरिष्ठ नेता सत्येंद्र जैन पर आरोप है कि उन्होंने दिल्ली सरकार में मंत्री पद पर रहते हुए शेल कंपनियों का एक नेटवर्क बनाकर अवैध रूप से धन इकट्ठा किया। यह मामला अगस्त 2017 में केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) द्वारा भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत दर्ज की गई प्राथमिकी (FIR) के बाद सामने आया था।

सत्येंद्र जैन पर यह आरोप है कि उन्होंने अपनी आय से अधिक संपत्ति अर्जित की और इसका कोई सही हिसाब नहीं दिया। ED ने इस मामले में कई मनी लांड्रिंग के आरोप लगाए हैं और जांच में जुटी हुई है।

क्या है मनी लॉन्ड्रिंग का मामला?

मनी लॉन्ड्रिंग के मामले में, यह आरोप है कि सत्येंद्र जैन ने शेल कंपनियों के माध्यम से अपनी अवैध संपत्ति को छुपाया और उसे सफेद किया। ED ने इस मामले में कई दस्तावेजों और इलेक्ट्रॉनिक सबूतों को जुटाया है, जिससे यह साबित होता है कि उन्होंने अपनी असामान्य आय को कानूनी रूप में बदला।

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