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Saturday, March 22, 2025

दिल्ली में हार के बाद AAP की ओवरहालिंग, अरविंद केजरीवाल ने किए बड़े बदलाव, जानें सियासी मायने

आम आदमी पार्टी (AAP) ने दिल्ली की सियासत में 11 साल तक एकछत्र राज किया और राष्ट्रीय फलक पर अपनी पहचान बनाने में कामयाब रही। दिल्ली के सहारे पंजाब में सरकार बनाने में कामयाब रही, लेकिन दिल्ली की सत्ता से बाहर होना आम आदमी पार्टी के लिए बड़ा झटका रहा। दिल्ली विधानसभा चुनाव में मिली हार के बाद अरविंद केजरीवाल ने शुक्रवार को आम आदमी पार्टी में बड़ी ओवरहालिंग कर नए तरीके से संगठन को धार देने की कवायद की है, क्योंकि पार्टी के राष्ट्रीय रुतबे को भी बरकरार रखने की चुनौती खड़ी हो गई है।

दिल्ली विधानसभा चुनाव के बाद AAP की बड़ी बैठक
दिल्ली विधानसभा चुनाव के बाद AAP की सर्वोच्च इकाई पीएसी की अरविंद केजरीवाल के घर शुक्रवार को बड़ी बैठक हुई, जिसमें पार्टी के वरिष्ठ नेताओं ने शिरकत की। इस दौरान विधानसभा चुनाव की हार पर मंथन और संगठन में नेताओं की जिम्मेदारी को लेकर चर्चा हुई, जिसके बाद कई दिल्ली के प्रदेश अध्यक्ष को बदलने के साथ चार राज्यों में प्रभारी और सहप्रभारी नियुक्त की गई है। इसके अलावा जम्मू-कश्मीर में नए अध्यक्ष बनाया गया है। इस तरह से आम आदमी पार्टी के बदलाव के सियासी मायने तलाशे जाने लगे हैं।

आम आदमी पार्टी में अहम बदलाव
केजरीवाल के अगुवाई वाली आम आदमी पार्टी ने दिल्ली के प्रदेश अध्यक्ष की पद से गोपाल राय की छुट्टी कर दी गई है। गोपाल राय की जगह सौरभ भारद्वाज को सूबे में पार्टी की कमान सौंपी है। इसके अलावा मेहराज मलिक को जम्मू कश्मीर का अध्यक्ष बनाया गया है। गोपाल राय को गुजरात का प्रभारी तो दुर्गेश पाठक सह प्रभारी बनाया गया है। गोवा का प्रभारी पंकज गुप्ता को बनाया है, जिनके साथ दीपक सिंगला, आभाष चंदेला और अंकुश नारंग सह प्रभारी बनाया गया है। मनीष सिसोदिया को पंजाब का प्रभारी तो सत्येंद्र जैन सह प्रभारी हैं। संदीप पाठक को छत्तीसगढ़ का प्रभारी बनाया गया है।

दिल्ली की कमान सौरभ भारद्वाज के हाथ
आम आदमी पार्टी का सियासी उदय दिल्ली की सियासत से हुआ है और एक दशक तक राज किया। ऐसे में दिल्ली चुनाव में मिली हार ने अरविंद केजरीवाल के लिए बड़ा झटका था। केजरीवाल ने दिल्ली में प्रदेश संगठन की कमान संभाल रहे गोपाल राय से लेकर सौरभ भारद्वाज को सौंप दी है। भारद्वाज प्रदेश अध्यक्ष होंगे। दिल्ली के ग्रेटर कैलाश सीट से तीन बार विधायक रहे हैं, लेकिन इस बार बीजेपी की शिखा राय से हार गए हैं।

सौरभ भारद्वाज आम आदमी पार्टी के तेज तर्रार नेता माना जाते हैं जबकि गोपाल राय शांत स्वभाव वाले नेता हैं। दिल्ली में सियासी बदलाव के बाद आम आदमी पार्टी के सामने कई चुनौतियां खड़ी हो गई हैं। बीजेपी अब सत्ता में है और रेखा गुप्ता लगातार एक्टिव हैं। ऐसे में केजरीवाल ने दिल्ली के प्रदेश अध्यक्ष पद से गोपाल राय की छुट्टी पर सौरभ भारद्वाज की ताजपोशी कर दी है, दो हिंदुत्व की राजनीति के साथ आक्रमक पॉलिटिक्स करना जानते हैं।

मिशन 2027 पर केजरीवाल का फोकस
आम आदमी पार्टी में हुए सियासी बदलाव को अरविंद केजरीवाल के मिशन 2027 से जोड़कर देखा जा रहा है। आम आदमी पार्टी ने चार राज्यों में प्रभारी-सहप्रभारी की नियुक्ति की गई है, जिसमें से तीन राज्यों में 2027 में विधानसभा चुनाव होंगे। पंजाब, गुजरात और गोवा का विधानसभा चुनाव 2027 में है। आम आदमी पार्टी ने तीनों ही राज्यों में अकेले चुनाव लड़ने का फैसला किया है, जिसके मद्देनजर ही अरविंद केजरीवाल ने अपने वरिष्ठ नेताओं की नियुक्त कर सेनापति तैनात कर दिया है।

राष्ट्रीय रुतबे को बचाए रखने की चुनौती
दिल्ली की सत्ता से बेदखल होने के बाद आम आदमी पार्टी के सामने सबसे बड़ी चुनौती अपने राष्ट्रीय रुतबे को बचाए रखने की है। आम आदमी पार्टी दिल्ली, पंजाब, गोवा और गुजरात में जीत दर्ज करने के बाद भी राष्ट्रीय पार्टी बनने का मुकाम हासिल कर सकी थी। दिल्ली चुनाव में हार जाने के बाद केजरीवाल के सामने सबसे बड़ी चुनौती उसे बचाए रखने की है। पंजाब, गोवा और गुजरात में अगर आम आदमी पार्टी का प्रदर्शन खराब रहता है तो काफी मुश्किल हो जाएगी। यही वजह है कि पूर्व सीएम अरविंद केजरीवाल पार्टी को सियासी आधार को हर हाल में बचाए रखने की कवायद में है, जिसके लिए पीएसी की बैठक में अहम फैसले लिए गए हैं।

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