आज भगवान रामलला की प्राण प्रतिष्ठा का अहम अवसर है। 500 साल बाद एक बार फिर भगवान रामलला अपने मंदिर में स्थापित हो गए हैं। भगवान की प्राण प्रतिष्ठा के लिए आज अभिजीत मुहूर्त को चुना गया है। इसी अभिजीत मुहूर्त के 84 सेकेंड में भगवान रामलला के नए विग्रह की प्राण प्रतिष्ठा की जानी है।
पीएम नरेंद्र मोदी अपने हाथ से भगवान रामलला के विग्रह की आंखों पर बंधी पट्टी को अभिजीत मुहूर्त में ही खोलेंगे और इसके साथ ही नए विग्रह का पूजा-पाठ रोज होने लगेगा। अब आप में से बहुत लोग शायद ये सोच रहे होंगे कि अभिजीत मुहूर्त आखिर क्या है और दिन के किस समय होता है? तो चलिए, आपको इस बारे में जानकारी देते हैं।
मान्यता के अनुसार अभिजीत मुहूर्त को दिन का सबसे अच्छा यानी शुभ माना जाता है। ज्योतिष के अनुसार अगर किसी काम को अभिजीत मुहूर्त में किया जाता है, तो उसके सफल होने की पूरी संभावना रहती है। अभिजीत मुहूर्त में ही ऐसे सभी कार्य किए जाते हैं। अभिजीत का मतलब ही विजेता या विजयी होता है।
ज्योतिषियों के अनुसार अभिजीत मुहूर्त मध्यान्ह से 24 मिनट पहले शुरू होता है और मध्यान्ह के 24 मिनट बाद तक रहता है। इस तरह अभिजीत मुहूर्त 48 मिनट का होता है। सूर्योदय के हिसाब से अभिजीत मुहूर्त बदलता भी है। ऐसे में पंचांग को देखकर अभिजीत मुहूर्त को ज्योतिषी तय करते हैं। सभी नए काम इन 48 मिनट में ही किए जाते हैं। इस तरह रामलला की प्राण प्रतिष्ठा के लिए भी वाराणसी के प्रख्यात ज्योतिषी गणेश्वर शास्त्री द्रविड़ ने अभिजीत मुहूर्त में ही सही वक्त निकाला है।
ज्योतिषी गणेश्वर शास्त्री द्रविड़ ने भगवान रामलला की प्राण प्रतिष्ठा के लिए अभिजीत मुहूर्त में भी सबसे अच्छा वक्त निकाला है। उनके मुताबिक प्राण प्रतिष्ठा के लिए सबसे अच्छा समय सिर्फ 84 सेकेंड का ही है। इस छोटे से समय में ही भगवान रामलला की प्राण प्रतिष्ठा पूरी करनी होगी।
ज्योतिषी गणेश्वर शास्त्री ने श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट को बताया था कि अगर 22 जनवरी को प्राण प्रतिष्ठा नहीं करेंगे, तो फिर अच्छा मुहूर्त 2026 में ही मिलेगा। इस वजह से आज भगवान रामलला की प्राण प्रतिष्ठा का कार्यक्रम करने का फैसला हुआ।