Ashish Mishra Bail: लखीमपुर खीरी मामले में आरोपी आशीष मिश्रा को शीर्ष अदालत ने शर्तों के साथ अंतरिम जमानत दी है. अदालत ने कहा है कि फिलहाल आशीष को 8 सफ्ताह के लिए जमानत पर छोड़ा जा रहा है. लेकिन शर्तों का पालन नहीं करने पर ज़मानत निरस्त हो सकती है. आशीष को रिहाई के 1 हफ्ते के अंदर उत्तर प्रदेश से बाहर जाना होगा. वह फिलहाल राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में भी नहीं रह सकता.
अदालत ने यह भी कहा है कि वह केस पर 14 मार्च को फिर सुनवाई करेगा. उस दिन आज दिए आदेश का जायजा लिया जाएगा. इसके साथ ही सर्वोच्च न्यायालय ने हत्या के आरोपी 4 किसानों को भी अंतरिम ज़मानत पर छोड़ने का आदेश दिया है.
आरोपी आशीष मिश्रा की ओर से दलील दी गई थी कि वह 1 वर्ष से अधिक वक्त जेल में बिता चुका है, जबकि घटना में उसके शामिल होने का कोई पुख्ता सबूत नहीं है. सर्वोच्च न्यायालय को भेजी रिपोर्ट में लखीमपुर खीरी की लोवर कोर्ट के जज ने बताया था कि मामले का निपटारा होने में 5 साल तक का वक्त लग सकता है. इस पर अदालत ने आशीष को जमानत का संकेत देते हुए कहा था कि केस खत्म होने तक किसी को जेल में बंद नहीं रखा जा सकता.
जाने पूरा मामला
3 अक्टूबर, 2021 को यूपी के लखीमपुर खीरी जिले में प्रदर्शनकारी किसानों के ऊपर गाड़ी चढ़ाए जाने की घटना हुई थी. इस घटना में और उसके बाद आक्रोशित किसानों की ओर से की गई आरोपियों की पिटाई में कुल 8 लोगों की मौत हो गई थी. प्रकरण का मुख्य आरोपी केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्र टेनी का बेटा आशीष मिश्रा उर्फ मोनू है. 10 फरवरी, 2022 को इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने आशीष को जमानत पर छोड़ने का आदेश दिया था. 18 अप्रैल को शीर्ष अदालत ने उस आदेश को निरस्त कर दिया था. उसके बाद से वह जेल में है. अब सुप्रीम कोर्ट ने शर्तों के साथ उनको रिहा करने का आदेश जारी किया है.