योगी सरकार का एक्शन,सुपरटेक मामले में दो पूर्व आईएएस समेत 24 पर होगी एफआईआर पढ़े पूरी खबर !

योगी सरकार का एक्शन,सुपरटेक मामले में दो पूर्व आईएएस समेत 24 पर होगी एफआईआर पढ़े पूरी खबर !

रामअवतार उपाध्याय की रिपोर्ट

लखनऊ।  यूपी सरकार किसी मामले को बड़ी गंभीरता से लेकर उस पर कार्रवाई कराने का मूड बना लिया है, विधानसभा चुनाव सर पर है इसलिए सरकार किसी भी प्रकार की लापरवाही बर्दाश्त नहीं करेगी सुपरटेक एमरल्ड मामले की जांच के लिए बनी एसआईटी की सिफारिश पर योगी सरकार ने नोएडा प्राधिकरण व सुपरटेक बिल्डर के 24 अधिकारी, कर्मचारियों पर सख्त कार्रवाई कर दी है। इन सब पर एफआईआर करा कर सतर्कता जांच होगी।

20 अधिकारियों पर नियमानुसार होगी कारवाई

 नोएडा प्राधिकरण के तीन अधिकारियों को निलंबित करने का आदेश दिया गया है। साथ ही रिटायर हो चुके बीस अधिकारियों पर नियमानुसार कार्रवाई होगी। इनमें नोएडा के तत्कालीन सीईओ मोहिन्दर सिंह व एसके द्विवेदी भी हैं।

सुपरटेक के 4निदेशको 2 वास्तुविदों पर जांच की आंच लगेगी

 सुपरटेक के चार निदेशकों व दो वास्तुविदों पर भी एफआईआर करा कर सतर्कता जांच कराने के आदेश हुए हैं। एसआईटी ने अपनी जांच में 26 अधिकारियों की संलिप्तता पाई है। इनमें दो की मृत्यु हो चुकी है। 

SIT ने सरकार को सौपी रिपोर्ट

आईडीसी संजीव मित्तल वाली एसआईटी ने रविवार को सरकार को अपनी रिपोर्ट सौंप दी। सुप्रीम कोर्ट के निर्देश पर यूपी सरकार ने एसआईटी का गठन किया था। इस पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने तुरंत कार्रवाई करने के निर्देश दिए। चार सेवारत अधिकारियों में एक पहले से निलंबित हो चुके हैं। शेष तीन को निलंबित कर उन पर विभागीय जांच शुरू हो गई है। 

सतीश महाना के निर्देश पर कार्रवाई शुरू

औद्योगिक विकास मंत्री सतीश महाना के निर्देश पर औद्योगिक विकास विभाग ने रविवार को ही कार्रवाई शुरू कर दी है। उन्होंने कहा कि इस मामले में किसी को बख्शा नहीं जाएगा चाहे वह किसी पद पर क्यों न हो। सेवानिवृत्त अधिकारियों पर भी सख्त कार्रवाई होगी।
यूपी औद्योगिक क्षेत्र विकास अधिनियम तथा अपार्टमेंट प्रमोशन आफ कांस्ट्रक्शन ओनरशिप एंड मेनि्टनेंस अधिनियम के प्रावधानों का उल्लंघन के मद्देनजर नोएडा प्राधिकरण तथा मैसर्स सुपरटेक के संलिप्तत पाए गए अधिकारियों पर अधिनियम के अंतर्गत नियत सक्षम स्तर से अनुमोदन प्राप्त करते हुए सक्षम न्यायालय में मुकदमा चलाया जाएगा।

यह है टीम
समिति ने अपनी आख्या में दो वास्तुविद संस्थानों को चिन्हित करते हुए उनके वास्तुविदों की संलिप्तता दर्शाई है। अत: इन वास्तुविदों पर समुचित कार्रवाई होगी। इसके लिए काउंसिल आफ आक् टेक्ट को शिकायत भेजी जाएगी।
मोहिंदर सिंह तत्कालीन सीईओ नोएडा, एसके द्विवेदी तत्कालीन सीईओ नोएडा, आर पी अरोड़ा तत्कालीन अपर सीईओ नोएडा, पीएन बाथम,तत्कालीन अपर मुख्य कार्यपालक अधिकारी, यशपाल सिंह तत्कालीन ओएसडी। सेवानिवृत्त अन्य अधिकारियों में एके मिश्रा नगर नियोजक, राजपाल कौशिक वरिष्ठ नगर नियोजक, त्रिभुवन सिंह मुख्य वास्तुनियोजक, शैलेंद्र कैरे उप महाप्रबंधक ग्रुप हाउसिंग, बाबू राम परियोजना अभियंता, टीएन पटेल प्लानिंग असिटेंट, वीए देवपुजारी मुख्य वास्तुनियोजक , एनके कपूर एसोसिएट वास्तुविद, प्रवीण श्रीवास्तव सहायक वास्तुविद, ज्ञान चंद्र विधि अधिकारी, राजेश कुमार विधि सलाहकार, विपिन गौड़ महाप्रबंधक, एमसी त्यागी परियोजना अभियंता, एससी सिंह वित्त नियंत्रक ,के के पांडेय मुख्य परियोजना अभियंता ।
ऋतुराज व्यास सहयुक्त नगर नियोजक, वर्तमान में यमुना प्राधिकरण में प्रभारी महाप्रबंधक, अनीता प्लानिंग असिटेंट, वर्तमान में यूपीसीडा में, मुकेश गोयल नियोजक सहायक (वर्तमान में प्रबंधक नियोजक गीडा) विमला सिंह सहयुक्त नगर नियोजक, के के मुख्य परियोजना अभियंता।

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