नई दिल्ली: जम्मू-कश्मीर में आगामी विधानसभा चुनाव से पहले आतंकवादियों की सक्रियता बढ़ गई है। हाल ही में किश्तवाड़ और बारामूला जिलों में आतंकवादियों के साथ हुई मुठभेड़ों में दो भारतीय सेना के जवान शहीद हो गए और एक आतंकवादी मारा गया। इन घटनाओं के चलते क्षेत्र में सुरक्षा बलों की गतिविधियाँ तेज हो गई हैं और मुठभेड़ों की संख्या में वृद्धि देखी जा रही है।
किश्तवाड़ में मुठभेड़ और शहीद सैनिक
शुक्रवार को किश्तवाड़ जिले में आतंकवादियों के साथ मुठभेड़ के दौरान एक जूनियर कमीशंड अधिकारी और एक सिपाही शहीद हो गए। इस मुठभेड़ में दो अन्य सैनिक भी घायल हुए हैं। रिपोर्ट्स के अनुसार, सेना और पुलिस की एक संयुक्त टीम ने नैदघाम क्षेत्र में गुप्त सूचना के आधार पर घेराबंदी और तलाशी अभियान शुरू किया। सुरक्षा बलों को देखते ही आतंकवादियों ने पिंगनाल दुगड्डा जंगल में अंधाधुंध गोलीबारी शुरू कर दी, जिससे मुठभेड़ शुरू हो गई।
मुठभेड़ के दौरान घायल हुए चार जवानों को प्राथमिक उपचार के बाद हवाई मार्ग से सेना के अस्पताल ले जाया गया। भारतीय सेना ने इलाके की घेराबंदी कर ली है और ऑपरेशन जारी है।
बारामूला में आतंकवादी मुठभेड़
इसके अलावा, बारामूला जिले के चक टपर क्षेत्र में सुरक्षा बलों ने एक अन्य मुठभेड़ के दौरान एक आतंकवादी को मार गिराया। यहां पर 2-3 आतंकवादी एक इमारत में फंसे हुए हैं। सुरक्षा बलों ने क्षेत्र की घेराबंदी कर दी है और आतंकवादियों की तलाश जारी है।
चुनावों से पहले हिंसा की घटनाएं
जम्मू-कश्मीर में विधानसभा चुनावों से पहले हिंसा की घटनाओं में इजाफा देखा जा रहा है। बुधवार को कठुआ-उधमपुर सीमा के पास बसंतगढ़ में मुठभेड़ में दो आतंकवादी मारे गए। इसके अलावा, उधमपुर जिले में भी सुरक्षा बलों और आतंकवादियों के बीच मुठभेड़ हुई।
इस मुठभेड़ के कुछ घंटे पहले पाकिस्तान रेंजर्स ने जम्मू के अखनूर सेक्टर में नियंत्रण रेखा (LoC) पर बिना उकसावे के गोलीबारी की, जिसमें सीमा सुरक्षा बल (BSF) का एक जवान घायल हो गया।
जम्मू-कश्मीर में विधानसभा चुनावों से पहले बढ़ती आतंकवाद की घटनाएं सुरक्षा बलों और नागरिकों के लिए चिंता का विषय बन गई हैं। क्षेत्र में सुरक्षा उपायों को और सख्त किया जा रहा है और आतंकवादियों के खिलाफ अभियान जारी है।