हाल ही में चर्चित आईएएस अफसर बी.चंद्रकला के आवास पर सीबीआई का छापा पड़ा था. बता दें कि चंद्रकला पर गलत तरीके से खनन पट्टे देने का आरोप लगा हुआ है.
बी.चंद्रकला अक्सर सोशल मीडिया पर सुर्खियों में रहती है. बहरहाल, सीबीआई के छापेमारी के बाद बी.चंद्रकला कुछ शायराना अंदाज में नजर आई और अपनी Linkedinप्रोफाइल पर एक कविता लिख डाली.
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ये तो चुनावी छापा है दोस्तों.
बी.चंद्रकला का अंदाजा शायराना था लेकिन सरकार पर तंज कसा था. उन्होंने अपनी कविता में सीबीआई के छापे को चुनावी छापा करार दिया.
चंद्रकला की कविता
रे रंगरेज़ ! तू रंग दे मुझको ।।
रे रंगरेज़ तू रंग दे मुझको ,
फलक से रंग, या मुझे रंग दे जमीं से ,
रे रंगरेज़! तू रंग दे कहीं से ।।
छन-छन करती पायल से ,
जो फूटी हैं यौवन के स्वर ;
लाल से रंग मेरी होंठ की कलियाँ,
नयनों को रंग, जैसे चमके बिजुरिया,
गाल पे हो, ज्यों चाँदनी बिखरी ,
माथे पर फैली ऊषा-किरण ,
रे रंगरेज़ तू रंग दे मुझको,
यहाँ से रंग, या मुझे रंग दे, वहीं से ,
रे रंगरेज़ तू रंग दे, कहीं से ।।
कमर को रंग, जैसे, छलकी गगरिया ,
उर,,,उठी हो, जैसे चढ़ती उमिरिया ,
अंग-अंग रंग, जैसे, आसमान पर ,
घन उमर उठी हो बन, स्वर्ण नगरिया ।।