लोकसभा चुनाव में उम्मीद के मुताबिक सीटें न आने के बाद अब बीजेपी का आलाकमान राज्यों में अपने संगठन में आमूल-चूल बदलाव कर सकता है। लोकसभा चुनाव के बाद से ही बीजेपी में लगातार बैठकों का सिलसिला जारी है। इसी कड़ी में आज बीजेपी ने अपने सभी संगठन मंत्रियों की बैठक बुलाई है। इस अहम बैठक में हर राज्य में पार्टी के प्रदर्शन पर चर्चा होगी और सुधार करने के लिए जरूरी कदम उठाए जाएंगे। माना जा रहा है कि संगठन मंत्रियों की बैठक के बाद लोकसभा चुनाव में खराब प्रदर्शन करने वाले यूपी जैसे राज्यों में बीजेपी प्रदेश स्तर पर बड़े बदलाव कर सकती है।
लोकसभा चुनाव में बीजेपी ने खुद के लिए 370 और एनडीए के लिए 400 से ज्यादा सीटें हासिल करने का लक्ष्य दिया था, लेकिन इस लक्ष्य से बड़े अंतर से वो चूक गई। बीजेपी की खुद 240 सीटें ही आईं। 80 सीटों वाले यूपी में लोकसभा चुनाव के दौरान बीजेपी का प्रदर्शन बहुत खराब रहा। यहां समाजवादी पार्टी ने सबसे ज्यादा 37 सीटें हासिल की। जबकि, इससे पहले समाजवादी पार्टी 5 से ज्यादा सीटें नहीं जीत पाती थी। हालत ये रही कि राम मंदिर बनवाकर भी बीजेपी फैजाबाद-अयोध्या की लोकसभा सीट सपा से हार गई। अमेठी में बीजेपी की फायरब्रांड नेता स्मृति इरानी को कांग्रेस के स्थानीय कार्यकर्ता केएल शर्मा ने शिकस्त दी। महाराष्ट्र और पश्चिम बंगाल में भी बीजेपी की दुर्दशा हुई। तमिलनाडु में भी बीजेपी अपेक्षित सीटें नहीं जीत सकी। इसकी वजह से सियासी मंच पर बीजेपी की बहुत किरकिरी हो रही है। ऐसे में अब बीजेपी खुद को फिर से फिट-फाट करने की तैयारी में पूरी तरह जुटी है।
आने वाले वक्त में महाराष्ट्र और हरियाणा समेत 3 राज्यों में विधानसभा के चुनाव हैं। दोनों ही जगह बीजेपी सत्ता में है। जाहिर तौर पर इन दोनों राज्यों को जीतकर बीजेपी अपना खोया मैदान वापस पाना चाहती है। ऐसे में संगठन मंत्रियों की बैठक बीजेपी के लिए बहुत अहम है। अब सबकी नजर इस पर है कि संगठन मंत्रियों की बैठक के बाद बीजेपी का नेतृत्व पार्टी की हालत सुधारने के लिए क्या कदम उठाता है और इसमें क्या कुछ कद्दावर नेताओं को किनारे लगाया जाता है या नहीं?