यूपी के लोक निर्माण विभाग और स्वास्थ्य विभाग से सामने आए ट्रांसफर स्कैम के बाद अब कृषि विभाग से भी तबादलों को लेकर बड़ा विवाद उठा है. इस बार विवाद के केंद्र में यूपी के कृषि मंत्री सूर्य प्रताप शाही हैं. शाही पर कृषि विभाग में तबादलों को लेकर मनमाना रवैया अपनाने का आरोप लगा है. कृषि मंत्री पर आरोप लगा है कि उन्होंने तबादला नीति का उल्लंघन कर अफसरों की पोस्टिंग की.
यूपी के मुरादाबाद से संयुक्त कृषि निदेशक जेपी चौधरी 9 साल से कृषि विभाग में जमें हैं जबकि अयोध्या में एक साल JDA रहे आशुतोष मिश्रा का तबादला हो गया. 9 साल से कृषि विभाग में जमे मुरादाबाद JDA जेपी चौधरी को कृषि मंत्री शाही ने नहीं हटाया लेकिन अयोध्या JDA को 1 साल की तैनाती के बाद ही उनका तबादला कर दिया गया.
इसके अलावा बनारस और कानपुर से भी कृषि विभाग के JDA क्रमशः डेढ़ साल और दो साल के बाद ही बदल दिए गए,लेकिन मुरादाबाद के JDA 9 साल से विभाग में जमें हुए हैं और बदली कार्रवाई से दूर हैं. यूपी के तमाम विभागों से जिस तरह तबादलों में घोटाले की खबरें सामने आ रही हैं, यह स्पष्ट होता जा रहा है कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के तमाम प्रयासों के बावजूद भी विभागों में धांधली बंद नहीं हुई है.
सवाल यह है कि ट्रांसफर-पोस्टिंग को लेकर यूपी के विभागों में तबादला नीति का पालन क्यों नहीं हो रहा. कायदे से यह एक गंभीर जांच का विषय है कि आखिर क्या कारण है कि मंत्रियों के चहेते अफसर दशकों से विभाग में डेरा डाले जमें हुए हैं और वहीं कुछ अफसरों की 6 महीनों और साल भर के अंदर ही बदली हो जा रही है.
बहरहाल, कृषि विभाग में तबादलों में अनियमितता को लेकर कृषि मंत्री सूर्य प्रताप शाही सवालों के घेरे में है. अब देखना यह है कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ विभागों में हो रहे इन तबादला घोटालों को लेकर क्या कार्रवाई करते हैं?