गुलाम नबी आजाद के इस्तीफे के बाद समर्थकों ने की उनसे मुलाकात , अलग दल को लेकर अटकलें तेज

कांग्रेस पार्टी से अपनी प्राथमिक सदस्यता समेत सभी पदों से इस्तीफा देने के बाद गुलाम नबी आजाद की जम्मू-कश्मीर में नया दल बनाने को लेकर अटकलों का बाजार गरमा गया है, जिसको लेकर उनके तमाम समर्थक उनसे मिलने उनके दिल्ली स्थित घर पर पहुंच रहे हैं.

जम्मू-कश्मीर के नेता अमीन भट्ट गुलाब नबी आजाद से मुलाकात भेट की है, वहीं उन्होंने यह भी कहा है कि कई दूसरे नेता गण  आजाद से मिलने पहुंच रहे हैं और अपना समर्थन देंगे. अमीन भट्ट ने बताया कि गुलाम नबी आजाद से मिलने  के बाद हम लोग आगे की योजना निर्धारित करेंगे, अजाद साहब ने 5 पन्नों में अपना दुख जहीर किया है. मैं दो बार एमएलए रहा हूं, यूथ कांग्रेस का प्रेसिडेंट भी रहा हूं, मैं भी आजाद साहब के हित में इस्तीफा दे रहा हूं.”

“जम्मू-कश्मीर में आजाद साहब ने कई वर्षों बाद बंजर जमीन पर सरकार बनाई थी. जहां-जहां कांग्रेस की जमीन ऊसर थी, वहां पर आजाद साहब ने कांग्रेस की हुकूमत बनवाई, अब वह कांग्रेस से पृथक हो चुके हैं, अब जम्मू-कश्मीर में अगला सीएम आजाद होंगे, वहां के कई एमएलए और लोग  गुलाम नबी आजाद के समर्थन हैं.” गुलाम नबी आजाद ने शुक्रवार यानी बीते कल अपने इस्तीफा में दल को कमजोर स्थिति में पहुंचाने के लिए पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी को जिम्मेदार बताते हुए आरोप लगाया था कि अध्यक्ष पद के लिए वह ऐसे शख्स को चुनेंगे, जो मात्र कठपुतली बनकर रहे और पर्दे के पीछे सारे फैसले वह स्वयं ही लेंग. उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि साल 2020 में दल में सुधार की मांग करने वाले G-23 नेताओं को कांग्रेस कार्य समिति की मीटिंग में गाली दी गई, अपमानित किया गया और बदनाम किया गया.

कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह राहुल गांधी के बचाव में आए 

कांग्रेस के दिग्गज नेता दिग्विजय सिंह ने ट्वीट कर गुलाम नबी आजाद के इस्तीफे को लेकर कहा कि “आपने लिखा कि भारत जोड़ो अभियान न चलाकर कांग्रेस जोड़ो अभियान चलाना चाहिए वो भी उस वक़्त जब आप स्वयं कांग्रेस पार्टी तोड़कर निकल गए। राहुल गांधी जी पर लगाये आपके आरोप निराधार हैं। आपने जो इस्तीफा दिया और जो पत्र लिखा है उसकी मैं घोर निंदा करता हूँ।”

उन्होंने ने आगे कहा कि”गुालाम नबी जी भाई जान, आपको राज्य सभा में विपक्ष का नेता बनाए जाने का निर्णय राहुल जी के किस पीए या सुरक्षा कर्मी ने लिया था? यह भी हमें बता दें।”

राज्यसभा में विपक्ष का नेता चुनने का फैसला राहुल गांधी का था किसी PA या गार्ड का नही ,राहुल गांधी पर लगाए गए सभी आरोप निराधार हैं मैं इसकी घोर निंदा करता हूं .

 

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