अहमदाबाद में गुरुवार को एक ऐसा हादसा हुआ, जिसने पूरे देश को हिलाकर रख दिया। एयर इंडिया की फ्लाइट AI-171, जो लंदन के लिए उड़ान भर रही थी, टेकऑफ के महज 5 मिनट बाद ही क्रैश हो गई। ये विमान सिर्फ 625 फीट की ऊंचाई तक पहुंचा था कि अचानक जमीन पर आ गिरा। इस हादसे में 242 यात्रियों में से सिर्फ एक ही जिंदा बचा। बाकी सभी की मौत हो गई। इतना ही नहीं, प्लेन सीधे बीजे मेडिकल कॉलेज के हॉस्टल से जा टकराया, जहां 65 छात्रों की जान चली गई। इस भयानक त्रासदी ने पूरे देश को सदमे में डाल दिया है। अब हर किसी के मन में एक ही सवाल है- आखिर इस हादसे की वजह क्या थी? इस सवाल का जवाब ढूंढने के लिए सिविल एविएशन मंत्रालय ने एक हाई-लेवल कमेटी बना दी है, जो इस हादसे की तह तक जाएगी।
हादसा इतना भयानक कि देखने वालों की रूह कांप गई
गुरुवार की सुबह अहमदाबाद एयरपोर्ट से एयर इंडिया की फ्लाइट AI-171 ने लंदन के लिए उड़ान भरी। विमान में 242 यात्री सवार थे। सब कुछ ठीक लग रहा था, लेकिन टेकऑफ के 5 मिनट बाद ही कुछ ऐसा हुआ कि प्लेन अचानक अनियंत्रित हो गया। सिर्फ 625 फीट की ऊंचाई पर पहुंचा ये विमान तेजी से नीचे आ गिरा और बीजे मेडिकल कॉलेज के हॉस्टल से जा टकराया। टक्कर इतनी जबरदस्त थी कि हॉस्टल की इमारत पूरी तरह तबाह हो गई। आग की लपटें और धुआं इतना ज्यादा था कि आसपास का नजारा किसी युद्ध जैसा लग रहा था।
हादसे की खबर मिलते ही राहत और बचाव दल मौके पर पहुंचा, लेकिन तब तक बहुत देर हो चुकी थी। विमान में सवार 242 यात्रियों में से सिर्फ एक ही जिंदा बचा। बाकी सभी की मौत हो गई। हॉस्टल में रहने वाले 65 छात्र भी इस हादसे की चपेट में आ गए और उनकी भी जान चली गई। ये हादसा इतना भयानक था कि प्रत्यक्षदर्शियों की आंखों में अब भी वो मंजर तैर रहा है। एक स्थानीय व्यक्ति ने बताया, “हमने पहले एक जोरदार धमाका सुना, फिर आसमान में आग की लपटें दिखीं। सब कुछ सेकंडों में खत्म हो गया।”
सवाल ये कि आखिर हुआ क्या?
हर कोई ये जानना चाहता है कि आखिर इतना बड़ा हादसा हुआ कैसे? क्या ये तकनीकी खराबी थी? क्या पायलट से कोई चूक हुई? या फिर कोई और वजह थी? इन सवालों के जवाब ढूंढने के लिए सिविल एविएशन मंत्रालय ने तुरंत एक्शन लिया। मंत्रालय ने एक उच्च स्तरीय कमेटी का गठन किया है, जो इस हादसे की हर बारीकी की जांच करेगी। इस कमेटी को तीन महीने के अंदर अपनी रिपोर्ट सौंपनी है।
कमेटी का काम सिर्फ हादसे की वजह ढूंढना ही नहीं, बल्कि ये भी सुनिश्चित करना है कि भविष्य में ऐसी त्रासदी दोबारा न हो। इसके लिए कमेटी मौजूदा स्टैंडर्ड ऑपरेटिंग प्रोसीजर्स (SOPs) की समीक्षा करेगी और नए दिशा-निर्देश सुझाएगी। कमेटी को हर तरह की जानकारी तक पहुंच दी गई है, जिसमें फ्लाइट डेटा रिकॉर्डर, कॉकपिट वॉयस रिकॉर्डर, विमान के रखरखाव के रिकॉर्ड, एयर ट्रैफिक कंट्रोल (ATC) लॉग्स और गवाहों के बयान शामिल हैं।
जांच कमेटी में कौन-कौन शामिल?
इस हाई-लेवल कमेटी की अगुवाई केंद्रीय गृह सचिव करेंगे। इसके अलावा कमेटी में कई बड़े अधिकारी और विशेषज्ञ शामिल हैं। इनमें शामिल हैं:
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किवल, नागरकिक उड्डन्य, मन्त्री, भारत सरकार
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अतिरिक्त सचिव या संयुक्त सचिव, गृह मंत्रालय, भारत सरकार
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गुजरात गृह विभाग के प्रतिनिधि
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गुजरात राज्य आपदा प्रतिक्रिया प्राधिकरण का प्रतिनिधि
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पुलिस आयुक्त, अहमदाबाद
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महानिदेशक, निरीक्षण और सुरक्षा, भारतीय वायु सेना
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महानिदेशक, नागरिक उड्डयन सुरक्षा ब्यूटरो (बीसीएएस)
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महानिदेशक, नागरिक उड्डन महानिदेशालय (डीजीसीए)
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विशेष निदेशक, आईबी
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निदेशक, फोरेंसिक विज्ञन सेवा निदेशालय, भारत सरकार
इसके अलावा, कमेटी को ये अधिकार है कि वो जरूरत पड़ने पर विमानन विशेषज्ञों, दुर्घटना जांचकर्ताओं और कानूनी सलाहकारों को भी शामिल कर सकती है। यानी ये कमेटी हर उस शख्स की मदद लेगी, जो इस हादसे की गुत्थी सुलझाने में कारगर हो।