क्यों CBI बिना इजाजत अजीत डोभाल और रॉ अधिकारियों के कर रही थी फोन टैप?
नेशनल सिक्योरिटी एडवाइजर आजीत डोभाल और रॉ के बड़े अधिकारियों के फोन टैप करने को लेकर सीबीआई पर आरोप लगा है. दिल्ली हाईकोर्ट में दायर एक याचिका में आरोप लगाया गया है कि सीबीआई के पूर्व डायरेक्टर के कार्यकाल में बिना इजाजत और बिना किसी आधिकारिक मंजूरी के इन अफसरों के फोन टैप किए गए थे. वहीं हाईकोर्ट ने इस पर जवाब तलब किया है.
क्या है याचिका में, किसने की दायर
दरअसल, हाईकोर्ट में सार्थक चतुर्वेदी नाम के वकील ने जो याचिका दायर कि है उसमें उन्होंने आरोप लगाए हैं कि सीबीआई में बैठे कुछ लोगों ने अपने पद का दुरुपयोग कर एनएसए अजीत डोभाल समेत रॉ के बड़े अधिकारियों के फोन टैप कराए. यही नहीं आरोप ये भी लगाया गया है कि सीबीआई ने किसी खास मकसद के लिए बिना जरूरी इजाजत के लिए ये फोन टैप कराए.
केंद्र से मांगा जवाब
चतुर्वेदी ने दायर अपनी याचिका में कई बेहद चौंकाने वाले आरोप लगाए हैं. उनके मुताबिक, सीबीआई की फोन टैपिंग और टेक्निकल सर्विलांस हैंडल करने वाली स्पेशल यूनिट को एनएसए अजीत डोभाल और स्पेशल डायरेक्टर राकेश अस्थाना के बीच बातचीत की जानकारी थी. इनके भी फोन टैप किेए गए थे. कोर्ट को बताया गया कि 17 अक्टूबर को सीबीआई के तत्कालीन डायरेक्टर आलोक वर्मा ने अजीत डोभाल को बताया था कि राकेश अस्थाना का नाम एफआईआर में मौजूद है और उसी रात स्पेशल यूनिट की तरफ से सीबीआई के डीआईजी मनीष सिन्हा को बताया गया कि एनएसए ने राकेश अस्थाना से बात की है और एफआईआर के बारे में बताया है. वहीं दिल्ली हाईकोर्ट ने दायर याचिका पर सुनवाई करते हुआ केंद्र सरकार से जवाब मांगा है.
SIT गठन की मांग
याचिका में ये भी दावा किया गया है कि सीबीआी की इस यूनिट के जरिए सपेशल सेक्रेटरी रॉ के सीनियर अफसर और लॉ सेक्रेटरी के कॉल्स भी टैप किए जा रहे थे. इन्हें भी सर्विलांस पर रखा गया था. वहीं सुनवाई के दौरान याचिकार्ता की तरफ से जांच के लिए SIT गठन करने की मांग की गई है. हालांकि, कोर्ट ने SIT को मंजूरी तो नहीं दी, लेकिन सीबीआी और गृह मंत्रालय को नोटिस जारी करके इस मामले में जवाब मांगा है.