महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के नजदीक आते ही राष्ट्रीय कांग्रेस पार्टी (NCP) के नेता अजित पवार ने एक बड़ा बयान दिया है। उन्होंने सीएम पद के सवाल पर अपनी राय साझा की और साथ ही चुनाव के बाद पाला बदलने के कयासों को भी खारिज किया। अजित पवार का कहना है कि सीएम पद हमारे लिए कोई बड़ी बात नहीं है और यह पूरी तरह से जनता पर निर्भर है कि वे किसे चुनते हैं।
सीएम पद पर अजित पवार की राय
अजित पवार ने मीडिया से बातचीत के दौरान सीएम पद को लेकर अपनी राय व्यक्त की। उनका कहना था, “हमारे लिए सीएम पद कोई खास मायने नहीं रखता। असली फैसला तो जनता करेगी कि उन्हें किसे चुनना है। हम समझौते करने में विश्वास रखते हैं, क्योंकि भविष्य में वही व्यक्ति सफल होता है जो दूसरों के साथ मिलकर चलता है।” उन्होंने यह भी कहा कि राजनीति में कभी दो कदम आगे और कभी एक कदम पीछे चलने की जरूरत होती है।
जब उनसे यह सवाल किया गया कि क्या वे खुद को शरद पवार का असली वारिस मानते हैं, तो उन्होंने इसका सीधे तौर पर जवाब नहीं दिया। उन्होंने कहा, “वारिस कौन होगा, यह जनता तय करेगी, मैं अपनी भूमिका निभा रहा हूं और आगे बढ़ रहा हूं।”
महायुति में रहेंगे अजित पवार
अजित पवार के बारे में राजनीतिक गलियारों में यह चर्चा जोरों पर है कि वे चुनाव के बाद पाला बदल सकते हैं। हालांकि, इस सवाल पर उन्होंने साफ-साफ कहा कि वे चुनाव के बाद भी महायुति (बीजेपी-शिवसेना गठबंधन) में ही रहेंगे। उनका कहना था, “मैं अपनी भूमिका को महायुति के साथ जारी रखूंगा। मेरी प्राथमिकता है कि हम एकजुट रहें और राज्य की भलाई के लिए काम करें।”
बारामती सीट पर प्रतिष्ठा की लड़ाई
अजित पवार के लिए इस चुनाव में सबसे अहम मुकाबला उनकी परंपरागत सीट बारामती से है। बारामती सीट पर इस बार परिवारिक राजनीति भी देखने को मिल रही है, क्योंकि शरद पवार ने अपने पोते युगेंद्र पवार को यहां से उम्मीदवार बनाया है। इस सीट पर अजित की प्रतिष्ठा दांव पर लगी है। अगर वे यहां जीत जाते हैं तो यह उनकी सियासी ताकत को साबित करेगा, वहीं अगर हार जाते हैं तो यह उनके लिए बड़ी चुनौती हो सकती है।
बारामती सीट पर अजित पवार और शरद पवार के बीच के रिश्तों को लेकर भी अटकलें चल रही हैं। अगर अजित यहां हार जाते हैं, तो यह माना जा सकता है कि उनके लिए आगे की राह मुश्किल हो सकती है। राजनीतिक जानकारों का कहना है कि अगर अजित पवार इस बार बारामती से हार जाते हैं, तो संभव है कि वे फिर से अपने चाचा शरद पवार के साथ मिलकर काम करें, जैसा कि उन्होंने पहले भी कुछ चुनावों में किया था। हालांकि, इस पर फिलहाल कोई भी निश्चितता नहीं है, यह सिर्फ एक कयास है।
लोकसभा चुनाव में मिली थी हार
इसके अलावा, अजित पवार की पत्नी ने पिछले लोकसभा चुनाव में बारामती से चुनाव लड़ा था, लेकिन उन्हें अपनी ननद सुप्रिया सुले से हार का सामना करना पड़ा था। यही वजह है कि इस बार बारामती में अजित पवार के लिए प्रतिष्ठा की बड़ी लड़ाई हो सकती है। उनके समर्थक और आलोचक दोनों ही यह देखेंगे कि क्या वे बारामती में जीत हासिल कर पाते हैं या नहीं।
नतीजे 23 नवंबर को आएंगे
महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में 20 नवंबर को मतदान होना है, और 23 नवंबर को नतीजे घोषित किए जाएंगे। तब यह स्पष्ट होगा कि अजित पवार अपनी परंपरागत सीट पर जीत हासिल कर पाते हैं या नहीं, और उनका राजनीतिक भविष्य किस दिशा में आगे बढ़ता है।