महाकुंभ का मेला इस समय उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में जोर-शोर से चल रहा है। इस धार्मिक आयोजन में लाखों-करोड़ों श्रद्धालु आकर त्रिवेणी संगम में पुण्य स्नान कर रहे हैं। लेकिन इस बीच, समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष और उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने महाकुंभ की व्यवस्था पर गंभीर सवाल उठाए हैं। उनका कहना है कि इस बार आयोजन में अति विशिष्ट अतिथियों को अधिक महत्व दिया जा रहा है, जिससे आम श्रद्धालुओं को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है।
अखिलेश यादव का आरोप
अखिलेश यादव ने सोशल मीडिया पर अपनी नाराजगी जताते हुए कहा कि, “अति विशिष्ट अतिथियों के लिए रास्ते बंद कर दिए गए हैं, जिससे श्रद्धालुओं को मीलों पैदल चलकर संगम तक पहुंचना पड़ रहा है। खासकर बुजुर्गों, महिलाओं और बच्चों को काफी दिक्कत हो रही है। कई जगह जाम की स्थिति पैदा हो गई है, जिससे लोगों को असुविधा का सामना करना पड़ रहा है।” उन्होंने प्रशासन से यह भी कहा कि सभी श्रद्धालुओं को बिना किसी परेशानी के अपने गंतव्य तक पहुंचने की सुविधा मिलनी चाहिए, और कोई भी रास्ता बंद नहीं किया जाना चाहिए।
श्रद्धालुओं को प्राथमिकता देनी चाहिए
अखिलेश यादव ने कहा कि महाकुंभ का आयोजन एक धार्मिक आयोजन है, न कि किसी राजनीतिक कार्यक्रम जैसा। उनका कहना था कि इस तरह के आयोजनों में श्रद्धालुओं को सबसे पहले प्राथमिकता मिलनी चाहिए, क्योंकि सच्चे श्रद्धावान से महत्वपूर्ण कुछ भी नहीं हो सकता। उन्होंने प्रशासन से अपील की कि ट्रैफिक व्यवस्था को इस तरह से सुनिश्चित किया जाए, जिससे हर श्रद्धालु आसानी से संगम तक पहुंच सके।
व्यवस्था पर सवाल उठाने की परंपरा
यह पहली बार नहीं है जब अखिलेश यादव ने महाकुंभ की व्यवस्था पर सवाल उठाए हैं। इससे पहले भी उन्होंने महाकुंभ की व्यवस्थाओं को लेकर अपनी राय जाहिर की थी। उन्होंने कहा था कि जब उनकी सरकार थी, तब महाकुंभ का आयोजन बहुत कम खर्च में हुआ था और वहां व्यवस्था भी बेहतर थी। वहीं, उन्होंने योगी सरकार की व्यवस्था पर भी निशाना साधते हुए इसे “कुप्रबंध का कुंभ” बताया था। उनका दावा है कि उनके शासन के दौरान श्रद्धालुओं को किसी प्रकार की परेशानी का सामना नहीं करना पड़ा था, जबकि इस बार कई खामियां देखी जा रही हैं।
संगम पर श्रद्धालुओं की भारी भीड़
महाकुंभ के दौरान संगम पर श्रद्धालुओं की भारी भीड़ देखने को मिल रही है। अब तक करीब 7 करोड़ से ज्यादा श्रद्धालु संगम पर पहुंच चुके हैं और लाखों लोग एक-एक दिन में स्नान करने के लिए आते हैं। श्रद्धालुओं की इस भारी भीड़ के बीच प्रशासन को और भी सख्त कदम उठाने की आवश्यकता महसूस हो रही है।
प्रधानमंत्री मोदी का भी हो सकता है दौरा
खबरें आ रही हैं कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 8 या 9 फरवरी को महाकुंभ में शामिल हो सकते हैं। प्रधानमंत्री मोदी संगम में स्नान करेंगे और इस दौरान उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने उन्हें आमंत्रित किया है। इस खास दौरे के मद्देनजर प्रशासन ने सुरक्षा के कड़े इंतजाम करने की योजना बनाई है।
व्यवस्थाओं में सुधार की जरूरत
अखिलेश यादव के द्वारा उठाए गए सवाल महाकुंभ की व्यवस्थाओं पर गंभीर सवाल खड़े करते हैं। एक ऐसे बड़े धार्मिक आयोजन में इस तरह की असुविधा से श्रद्धालुओं को न केवल शारीरिक, बल्कि मानसिक कष्ट भी हो सकता है, जो उनके धार्मिक अनुभव को नकारात्मक रूप से प्रभावित कर सकता है।
अखिलेश ने अपनी बात को खत्म करते हुए कहा कि “महाकुंभ जैसे बड़े आयोजन में श्रद्धालुओं के लिए बेहतर व्यवस्थाएं होनी चाहिए, ताकि उनकी धार्मिक आस्था में कोई विघ्न न आए। खास अतिथियों के लिए व्यवस्थाएं अलग होनी चाहिए, लेकिन ये नहीं होना चाहिए कि आम श्रद्धालुओं के लिए रास्ते बंद कर दिए जाएं।”
महाकुंभ के आयोजन को लेकर बढ़ती आलोचनाओं और सवालों के बीच प्रशासन के लिए यह चुनौती है कि वे किसी भी तरह की असुविधा से बचें और पूरे आयोजन को बेहतर तरीके से अंजाम दें। अगर यह व्यवस्था सुधारने के लिए जल्द कदम नहीं उठाए जाते, तो श्रद्धालुओं की असंतोष की भावना और बढ़ सकती है।