लखनऊ: पूर्व सीएम अखिलेश यादव के सरकारी बंगले में तोड़फोड़ की जांच करने वाली पीडबल्यूडी विभाग की टीम ने अपनी जांच रिपोर्ट राज्य सम्पत्ति विभाग को सौंप दी. इस रिपोर्ट के मुताबिक़ अखिलेश यादव के सरकारी बंगला ख़ाली करने के बाद इसमें तोड़फोड़ की गयी और सरकारी सम्पत्ति को नुक़सान पहुँचाया गया. पीडबल्यूडी की टीम ने पौने तीन सौ पन्ने की जांच रिपोर्ट के साथ ही कई फ़ोटोग्राफ़ और इसकी विज़ूअल सीडी भी विभाग को सौंपी है.
तोड़फोड़ से 10 लाख का नुकसान
मीडिया रिपोर्टस के मुताबिक 266 पेज की रिपोर्ट में पूर्व सीएम के बंगले में छत से लेकर किचन, बाथरूम और लॉन में तोड़-फोड़ की बात कही गई है. बंगले में मुख्य रूप से टाइल्स, सेनेट्री और इलेक्ट्रिक वायरिंग के काम का नुकसान हुआ है. इस नुकसान की कुल कीमत 10 लाख रुपये आंकी गई है.
हो सकती है रिकवरी
पीडब्ल्यूडी के प्रमुख अभियंता एके शर्मा ने रिपोर्ट राज्य संपत्ति अधिकारी को भेज दी है. 266 पेज की इस रिपोर्ट के अनुसार, पूर्व मुख्यमंत्री के तौर पर अखिलेश को मिले बंगले का ग्राउंड फ्लोर ही स्वीकृत था. अभी सरकार इस रिपोर्ट का अध्ययन कर रही है, इसके बाद रिकवरी नोटिस दी जा सकती है.
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सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर खाली हुए थे बंगले
सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर यूपी के पूर्व मुख्यमंत्रियों को सरकारी बंगला ख़ाली करने का नोटिस यूपी सरकार ने दिया था जिसके बाद राजनाथ सिंह, कल्याण सिंह, मुलायम सिंह, मायावती, एनडी तिवारी और अखिलेश यादव को बतौर पूर्व सीएम आवंटित सरकारी बंगला खाली करना पड़ा था.
हाथ में टोंटी लेकर प्रेस के बीच गए थे अखिलेश यादव
सरकारी बंगला ख़ाली करने के दौरान सबसे ज़्यादा चर्चा 4 विक्रमादित्य मार्ग यानी अखिलेश यादव के बंगले की रही. इस बंगले की फ़र्श, फाल्स सीलिंग, वायरिंग, साइकल ट्रैक को उखाड़ दिया गया था. कई हिस्सों में तोड़फोड़ की गयी थी.
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यहाँ तक की बाथरूम की टोंटी तक उखड़ी मिली थी. इस पूरे मामले पर आरोप और प्रत्यारोप का दौर चला और इसकी चर्चा सियासी गलियारों में भी रही. यहां तक कि अखिलेश यादव को इस मामले में टोंटी हाथ में लेकर प्रेस के बीच भी आना पड़ा.