मुलायम ने कर दिया साफ, बेटे के मुकाबले भाई मंजूर नहीं -अब क्या करेंगे शिवपाल ?

नई दिल्ली। मुलायम सिंह यादव ने साफ़ कर दिया कि अपनी राजनीतिक विरासत के मामले में वो बेटे के नाम पर समझौता नहीं कर सकते. तमाम कयासों और भाई शिवपाल सिंह यादव के दावों के विपरीत मुलायम रविवार को समाजवादी पार्टी की रैली में पहुंचे. सपा के नौजवान नेताओं को नसीहत दी कि बुजुर्गों का सम्मान करना चाहिए तो मोदी सरकार पर जोरदार हमले किए.

कुछ दिन पहले ही मुलायम सिंह यादव के छोटे भाई शिवपाल सिंह ने समाजवादी सेक्युलर मोर्चा के नाम से अलग राजनीतिक फ्रंट बनाया है. इसके झंडे पर शिवपाल ने अपने साथ नेता जी यानि मुलायम की तस्वीर भी लगाईं है. शिवपाल सपा में अखिलेश से नाराज लोगों को मोर्चा से जोड़ने में जुटे हैं तो लगातार यह दावा भी कर रहे हैं कि मुलायम सिंह का आशीर्वाद उनके साथ है. शिवपाल यहां तक कह चुके हैं कि मोर्चा मैनपुरी सीट से मुलायम को चुनाव लड़ाएगा. मुलायम ने अभी तक अपनी स्थिति साफ़ नहीं की थी कि आगे आने वाले चुनावों के लिहाज से वह भाई के मोर्चा से जुड़ेंगे या फिर अपनी पार्टी सपा में बेटे के साथ ही रहेंगे. यादव परिवार में मचे ताजा घमासान को लेकर तमाम कयासों का दौर जारी था.

रविवार को नई दिल्ली के जंतर मंतर पर सपा की साइकिल यात्रा का समापन हुआ। इस मौके पर एक बड़ी रैली का आयोजन किया गया था. इसमें सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष व पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव के साथ मुलायम सिंह यादव मंच पर मौजूद रहे. मुलायम सिंह यादव ने कार्यकर्ताओं को संबोधित किया. उन्होंने कार्यकर्ताओं से कहा कि बूढ़ों का सम्मान करें, समाजवादी पार्टी कभी बूढ़ी नहीं होगी. साथ ही उन्होंने कहा कि लड़कियों को समाजवादी पार्टी में शामिल करें। पार्टी में लड़कियों को जिम्मेदारी दी जानी चाहिए. नौजवानों से कहा, बेदाग रहना, नेता बन जाओगे.

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इस दौरान मुलायम सिंह ने पीएम मोदी पर निशाना साधा. उन्होंने कहा कि लोकसभा चुनाव प्रचार में 15 लाख देने का वादा किया था, लेकिन मोदी सरकार ने एक रुपया नहीं दिया। सरकार झूठ बोलकर सत्ता में आई.

पूर्व मुख्यमंत्री और सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने रैली को संबोधित करते हुए सबसे पहले नेताजी का आभार जताया. अखिलेश ने कहा कि मौसम अच्छा है, सभी को आज साइकिल चलानी चाहिए थी.सामाजिक न्याय यात्रा और नेताजी के आने से पार्टी को नई ऊर्जा मिली है. साइकिल का एक पहिया अम्बेडकर विचारधारा और दूसरा लोहिया विचारधारा का है. उन्होंने कहा कि आधी आबादी के बिना लोकतांत्र अधूरा है.

अखिलेश यादव ने पीएम मोदी की नोटबंदी पर निशाना साधा. उन्होंने कहा कि क्या नोटबंदी से भ्रष्टाचार खत्म हुआ. जीएसटी और नोटबंदी से रोजगार छीना गया.अखिलेश यादव ने कहा कि सरकार कहती है, पकौड़ा बनाओ और नाली से गैस जलाओ. अखिलेश यादव ने योगी सरकार पर भी हमला बोला. उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश में स्वास्थ्य व्यवस्था चौपट है. बच्चे मर रहे हैं.

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अखिलेश यादव ने कहा कि समाजवादी पार्टी दलितों को सम्मान दिलाएगी। रैली में बारिश से काफी परेशानी हुई. बारिश की वजह से भीड़ भी कम जुट पाई.

गौरतलब है कि अखिलेश और शिवपाल के बीच बीते विधानसभा चुनाव के वक़्त शुरु हुई तल्खी अब साफ़-साफ़ राजनीतिक प्रतिद्वंदिता में तब्दील हो चुकी है. शिवपाल ऐलान कर चुके हैं कि उनका मोर्चा यूपी की सभी अस्सी लोकसभा सीटों पर चुनाव लड़ेगा. अब मुलायम सिंह के बेटे के साथ खड़े होने पर उनका स्टैंड क्या रहेगा यह देखना दिलचस्प होगा.

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