समाजवादी पार्टी (सपा) के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने उत्तर प्रदेश में योगी सरकार पर जमकर हमला बोला है। उन्होंने हाल ही में एक वीडियो शेयर किया, जिसमें एक व्यक्ति अपनी समस्या का समाधान न होने पर टावर पर चढ़ा हुआ दिखाई दे रहा है। इस वीडियो के जरिए अखिलेश यादव ने राज्य सरकार की कार्यशैली और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के “तथाकथित दरबार” को लेकर तीखा विरोध जताया है।
टावर पर चढ़ा व्यक्ति और मुख्यमंत्री पर हमला
अखिलेश यादव ने अपने पोस्ट में लिखा कि यह वीडियो उत्तर प्रदेश में मुख्यमंत्री के दरबार की सच्चाई को उजागर करता है, जहां लोगों की समस्याओं पर कोई सुनवाई नहीं होती। उन्होंने कहा, “यही है मुख्यमंत्री जी के तथाकथित दरबार की सच्चाई, जहाँ नहीं होती कोई सुनवाई। इसी से हताश होकर एक फरियादी टावर पर चढ़ गया था और उतरने का नाम ही नहीं ले रहा था।”
अखिलेश यादव ने यह भी कहा कि वह उस व्यक्ति से आग्रह करते हैं कि वह अपनी जान को खतरे में न डाले, क्योंकि जिन लोगों के दिलों में न दया है, न करुणा, उनका ध्यान खींचने का कोई फायदा नहीं है। उन्होंने यह भी उम्मीद जताई कि राज्य प्रशासन उस व्यक्ति के साथ कोई गलत व्यवहार नहीं करेगा और उसकी समस्या का समाधान करेगा।
अखिलेश का यह ट्वीट सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो गया, और सपा समर्थकों ने भी मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की नीतियों पर सवाल उठाए। उन्होंने इस ट्वीट के जरिए योगी सरकार की नाकामी को प्रमुख मुद्दा बनाया।
सपा प्रमुख ने किया खाद की कालाबाजारी पर भी हमला
अखिलेश यादव ने एक और पोस्ट में बीजेपी सरकार पर किसानों के साथ किए गए अन्याय को लेकर गंभीर आरोप लगाए हैं। उन्होंने कहा कि भारतीय जनता पार्टी (भा.ज.पा.) के नेताओं ने खाद की जमाखोरी कर रखी है और किसानों की जरूरतों का फायदा उठाकर कालाबाजारी कर रहे हैं।
अखिलेश ने कहा, “भाजपाइयों ने सारी खाद दबा रखी है और खाद की कालाबाजारी कर रहे हैं। डीएपी और पीडीए दोनों में अक्षरों की समानता है, लेकिन यह भी सच है कि ये दोनों बीजेपी के पतन को और तेज कर देंगे।” उन्होंने आरोप लगाया कि जितना किसान सम्मान के नाम पर सरकार की तरफ से दिया जा रहा है, उससे कहीं ज्यादा खाद की कालाबाजारी से लिया जा रहा है। अखिलेश यादव ने किसानों के लिए बीजेपी की नीतियों को असंवेदनशील और विरोधाभासी करार दिया।
अखिलेश का किसानों के समर्थन में बयान
अखिलेश यादव ने किसानों के मुद्दे को लेकर बीजेपी सरकार को घेरते हुए कहा कि राज्य में किसान हताश हैं और उनकी समस्याओं का समाधान नहीं हो पा रहा है। उन्होंने यह भी कहा, “किसान कहे आज का, नहीं चाहिए भाजपा।” अखिलेश के इस बयान से साफ था कि वह आने वाले चुनावों में किसानों को प्रमुख मुद्दा बनाना चाहते हैं और सरकार के खिलाफ आक्रामक प्रचार करने की योजना बना रहे हैं।