कांग्रेस ने कालकाजी सीट से अलका लांबा को दी टिकट, मुख्यमंत्री आतिशी से होगा मुकाबला
दिल्ली विधानसभा चुनाव का माहौल अब और गरमाने वाला है। कांग्रेस ने एक बड़ा ऐलान किया है, जिसमें पार्टी ने कालकाजी सीट से अलका लांबा को अपना उम्मीदवार घोषित किया है। अब अलका लांबा का सामना आम आदमी पार्टी (AAP) की मुख्यमंत्री उम्मीदवार आतिशी से होगा। यह मुकाबला काफी दिलचस्प होने वाला है, क्योंकि दोनों ही नेता अपनी-अपनी पार्टी के लिए महत्वपूर्ण हैं। कांग्रेस ने इस बार 51-कालकाजी सीट पर अलका लांबा को उतारा है, जो पिछले विधानसभा चुनावों में दिल्ली की राजनीति में खासा चर्चा में रही थीं।
कांग्रेस का बड़ा कदम, अलका लांबा को दी गई जिम्मेदारी
कांग्रेस पार्टी की केंद्रीय चुनाव समिति ने दिल्ली विधानसभा चुनाव 2025 के लिए उम्मीदवारों की लिस्ट जारी की। इस लिस्ट में 51-कालकाजी सीट पर अलका लांबा का नाम सबसे अहम था। पार्टी ने इस सीट से अलका लांबा को टिकट दिया है, जो एक कुशल नेता के तौर पर जानी जाती हैं। कांग्रेस के इस फैसले से यह साफ है कि पार्टी इस बार दिल्ली में अपनी पूरी ताकत लगा रही है और अपनी स्थिति मजबूत करने के लिए हर कदम उठा रही है।
अलका लांबा का चुनावी सफर
अलका लांबा की राजनीति की शुरुआत काफी दिलचस्प रही है। 2020 के दिल्ली विधानसभा चुनाव में उन्होंने कांग्रेस के टिकट पर चांदनी चौक सीट से चुनाव लड़ा था, लेकिन वह तीसरे स्थान पर रही थीं। इस सीट पर आम आदमी पार्टी (AAP) के प्रह्लाद सिंह साहनी ने जीत हासिल की थी। हालांकि, 2015 के विधानसभा चुनाव में उन्होंने आम आदमी पार्टी के टिकट पर शानदार जीत दर्ज की थी। उस चुनाव में उन्होंने बीजेपी उम्मीदवार सुमन गुप्ता को 18,000 से ज्यादा वोटों से हराया था। उनकी यह जीत दिल्ली की राजनीति में एक बड़ी घटना मानी गई थी, क्योंकि उस वक्त दिल्ली में AAP की लहर चल रही थी और अलका लांबा ने उस लहर को अपने पक्ष में मोड़ा था।
बीजेपी और AAP पर हमला
अलका लांबा कांग्रेस के लिए महिला कांग्रेस की राष्ट्रीय अध्यक्ष की जिम्मेदारी निभा रही हैं। इस दौरान वह लगातार बीजेपी और AAP पर हमलावर रही हैं। हाल ही में उन्होंने दोनों पार्टियों पर तगड़ा हमला बोला। उन्होंने सोशल मीडिया पर एक पोस्ट में कहा कि “आम आदमी पार्टी और बीजेपी ने मिलकर दिल्ली को बर्बाद कर दिया है।” उनका कहना था कि पिछले 10 सालों में दोनों पार्टियां आपस में ही भिड़ती रही हैं, जिसका खामियाजा दिल्ली के लोगों को भुगतना पड़ा है। अलका ने कहा कि दिल्ली में बेरोजगारी, महंगाई, अपराध और भ्रष्टाचार जैसी समस्याएं बढ़ गई हैं, और इसका असर सीधे तौर पर आम जनता पर पड़ा है। उन्होंने दावा किया कि इन समस्याओं से परेशान दिल्ली की जनता अब कांग्रेस के साथ मिलकर बदलाव लाएगी।
दिल्ली की राजनीति में क्या नया होगा?
अलका लांबा ने बीजेपी और AAP के नेताओं पर तीखा हमला करते हुए कहा कि दोनों पार्टियों ने दिल्ली की जनता को सिर्फ राजनीति का शिकार बनाया है, जबकि शासन और प्रशासन का काम एक साथ मिलकर करना चाहिए था। इस दौरान उन्होंने दावा किया कि आम आदमी पार्टी और बीजेपी की लड़ाई का सबसे ज्यादा नुकसान दिल्ली की जनता को हुआ है। उनका कहना था कि दिल्लीवासियों को एक नई दिशा की जरूरत है, और इस दिशा में केवल कांग्रेस ही बदलाव ला सकती है।
कांग्रेस की चुनावी रणनीति
कांग्रेस का यह कदम पार्टी के लिए एक महत्वपूर्ण रणनीति प्रतीत होता है। अलका लांबा को कालकाजी सीट पर उतारकर कांग्रेस ने अपनी चुनावी योजना को और मजबूत किया है। उनके पास एक मजबूत राजनीतिक पृष्ठभूमि है, और वह दिल्ली की राजनीति के जानकार भी मानी जाती हैं। अलका लांबा का चुनावी रुख तेज और आक्रामक है, जो इस बार उन्हें दिल्ली में अपने विरोधियों के खिलाफ खड़ा करने में मदद करेगा।
आखिरकार, क्या बदलने वाला है?
दिल्ली विधानसभा चुनाव 2025 में कई राजनीतिक दल अपनी पूरी ताकत झोंक रहे हैं, और अलका लांबा की उपस्थिति कांग्रेस के लिए एक सकारात्मक बदलाव ला सकती है। हालांकि, मुकाबला आसान नहीं होगा, क्योंकि आम आदमी पार्टी और बीजेपी दोनों ही अपनी पूरी ताकत लगा रही हैं। देखना होगा कि क्या कांग्रेस इस बार दिल्ली में सत्ता वापसी कर पाती है या फिर बीजेपी और AAP का दबदबा जारी रहता है। इस बार का चुनाव दिल्ली की राजनीति में एक नया मोड़ ला सकता है, जो आने वाले समय में काफी महत्वपूर्ण साबित होगा।