आम आदमी पार्टी के प्रस्ताव से कांग्रेस को दोहरा झटका

दिल्ली की सियासत में इस समय जबर्दस्त उबाल पैदा हो गया है. आम आदमी पार्टी की तेज तर्रार विधायक अलका लांबा से उनकी पार्टी ने इस्तीफा ले लिया है, लेकिन इस बीच अलका का कहना है कि इस बारे में वो अंतिम फैसला आज शनिवार को लेंगी. दूसरी तरफ कांग्रेस को आम आदमी पार्टी ने झटका दे दिया है. वहीं अब आप के बागी विधायक कपिल मिश्रा ने इस बहस को एक नया मोड़ दे दिया है.

ये है पूरा मामला

दरअसल, दिल्ली विधानसभा में पू्र्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी को प्रदान किया गया सर्वोच्च नागरिक सम्मान बारत रत्न वापस लेने की मांग वाला एक प्रस्ताव शुक्रवार को पारित किया, लेकिन AAP पार्टी ने कांग्रेस नेता के नाम के जिक्र से अपने आप को अलग कर लिया है. इस प्रस्ताव में 1984 के सिख विरोधी दंगे का हवाला दिया गया था. वहीं अलका ने इस प्रस्ताव का विरोध किया, जिसके बाद पार्टी ने उनसे इस्तीफा मांग लिया. वहीं देर रात जनरैल सिंह ने इस मामले पर ट्वीट किया. उन्होंने लिखा ‘1984 कत्लेआम के पीड़ितों के जख्मों पर मरहम” 1984 कत्लेआम के पीड़ितों की भावनाओं को  समझते हुए आज दिल्ली विधानसभा में 1984 क़त्लेआम को अब तक का सबसे “क्रूर नरसंहार” घोषित किया गया, पीड़ित परिवारों व हर इंसाफपसंद आदमी की तरफ से दिल्ली विधानसभा के सभी सदस्यों का धन्यवाद.’

खतरे में गठबंधन!

इन सबके बीच आम आदमी पार्टी से लोकसभा चुनाव को लेकर होने वाले गठबंधन को लेकर कांग्रेस को झटका लगा है. अगर ये कहें कि कांग्रेस और AAP पार्टी के गठबंधन में अब खटाई पड़ गई है तो कुछ गलत नहीं होगा. दरअसल, भारत रत्न वापस लेने की मांग वाले प्रस्ताव को लेकर आम आदमी पार्टी ने कांग्रेस नेता के नाम के जिक्र से अपने आप को अलग कर लिया है, जिससे साफ जाहिर होता है कि आप पार्टी कांग्रेस का हाथ थामने के बिल्कुल मूड में नहीं है.

कपिल ने दिया नया मोड़

वहीं कपिल मिश्रा ने एक वीडियो जारी किया है, जिसके बाद इस मामले को एक नया मोड़ मिल गया है. इस वीडियो में सदन में आप विधायक जरनैल सिंह को प्रस्ताव पढ़ते देखा जा सकता है, जिसके बाद स्पीकर के आदेश के बाद सभी सदस्य खड़े होकर इस प्रस्ताव का समर्थन करते हैं. कपिल मिश्रा ने कहा कि इस प्रस्ताव को अध्यक्ष सहित सभी ने खड़े होकर पास किया. कपिल मिश्रा ने कहा कि इस प्रस्ताव को अध्यक्ष सहित सभी ने खड़े होकर पास किया. कपिल मिश्रा ने लिखा ‘ये सब ऑन रिकॉर्ड है, सदन की कार्यवाही का हिस्सा है. उसके बाद अलका लांबा ने पार्टी के अंदर इस प्रस्ताव का विरोध किया.’ वहीं लांबा ने इस प्रस्ताव के पास होने की खबर सोशल मीडिया पर शेयर की थी, जिसके बाद पार्टी ने उनसे इस्तीफा मांग लिया.

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