शिक्षा विभाग में तबादलों को लेकर प्रयागराज हाईकोर्ट ने एक अहम फैसला सुनाया है। शिक्षकों के तबादले को लेकर एक अहम फैसला सुनाते हुए हाईकोर्ट ने कहा कि शिक्षकों का अंतर्जनपदीय स्थानांतरण नहीं रोका जा सकता। हाईकोर्ट ने कहा कि तबादलों के लिए अलग से कोई नीति बनाना जरूरी नहीं हैं।
शिक्षा विभाग में शिक्षकों के तबादलों को लेकर इलाहाबाद हाईकोर्ट ने कहा कि स्थानांतरण नीति के अभाव में शिक्षकों का अंतर्जनपदीय तबादला नहीं रोका जा सकता है। हाईकोर्ट ने कहा कि पहले से बने हुए नियम रूल 8(2) D के तहत तबादले हो सकते हैं तबादलों के लिए अलग से कोई नीति बनाना जरूरी नहीं है। यह आदेश न्यायमूर्ति आशुतोष श्रीवास्तव ने इटावा में कार्यरत सहायक अध्यापिका विभा पाठक की याचिका पर अधिवक्ता नवीन कुमार शर्मा व दूसरे पक्ष को सुनकर दिया है।
इटावा के संविलियन विद्यालय में सहायक अध्यापिका के पद पर तैनात अध्यापिका का कहना है कि उसके पति गौतम बुद्ध नगर में प्राइवेट नौकरी करते हैं और पैरालिसिस से पीड़ित हैं, जिनका ईलाज दिल्ली व चंडीगढ़ में चल रहा है। अध्यापिका ने अपना स्थानांतरण इटावा से गौतम बुद्ध नगर करने के लिए अर्जी दी थी जिससे वह अपनी ड्यूटी के साथ आपने पति की देखभाल कर सके। लेकिन शिक्षा विभाग ने उनका आवेदन निरस्त कर दिया। जिस पर याचिकाकर्तो ने यह याचिका दाखिल की।
जिसको लेकर इलाहाबाद हाईकोर्ट ने अहम फैसला सुनाया। कोर्ट ने कहा कि स्थानांतरण नीति के अभाव में शिक्षकों का अंतर्जनपदीय तबादला नहीं रोका जा सकता। कोर्ट ने कहा कि तबादलों के लिए अलग से कोई नीति बनाना जरूरी नहीं ,पहले से बने हुए नियम रूल 8(2) D के तहत तबादले हो सकते हैं।