CBI निदेशक पद से हटाए जाने के बाद आलोक वर्मा का बयान, कहा-निराधार हैं आरोप

सीबीआई में चल कंट्रोवर्सी एक बार फिर से सुर्खियों में है. अपने पद बहाल होने के 24 घंटे बाद ही निदेशक आलोक वर्मा को उनके पद से हटा दिया गया. गुरुवार की रात को ये फैसला लिया गया. इसके बाद आलोक वर्मा का बयान सामने आया है और उन्होंने सारे आरोपों को निराधार बताया है. गौरतलब, है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता वाली सिलेक्शन कमिटी ने आलोक वर्मा को भ्रष्टाचार और कर्तव्य में लापरवाही बरतने के आरोप में पद से हटा दिया.

स्वतंत्र नहीं सीबीआई -आलोक वर्मा

गुरुवार देर रात पद से हटाए जाने के बाद आलोक वर्मा ने चुप्पी तोड़ते हुए बयान जारी किया कि भ्रष्टाचार के हाई-प्रोफाइल मामलों की जांच करने वाली महत्वपूर्ण एजेंसी होने के नाते CBI की स्वतंत्रता को सुरक्षित और संरक्षित रखना चाहिए.

उन्होंने कहा, ‘‘इसे बाहरी दबावों के बगैर काम करना चाहिए, मैंने एजेंसी की ईमानदारी को बनाए रखने की कोशिश की है जबकि उसे बर्बाद करने की कोशिश की जा रही थी. इसे केंद्र सरकार और सीवीसी के 23 अक्टूबर, 2018 के आदेशों में देखा जा सकता है जो बिना किसी अधिकार क्षेत्र के दिए गए थे और जिन्हें रद्द कर दिया गया.’’

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इसके अलावा आलोक वर्मा ने खुद पर लगाए गए आरोपों को झूठा, निराधार और फर्जी करार दिया और समिति द्वारा ट्रांसफर को दुखद बताया.

बता दें कि गुरुवार रात पीएम मोदी की अध्यक्षता वाली चयन समिति में फैसला लिया गया और आलोक वर्मा को सीबीआई चीफ पद से हटा दिया गया और एम नागेश्वर जो कि आलोक वर्मा को छुट्टी भेजे जाने के बाद चीफ पद पर कार्यभार संभाल रहे थे, उन्हें फिर से ये पद सौंप दिया गया और आलोक वर्मा को गृह मंत्रालय के तहत अग्निशमन विभाग, नागरिक सुरक्षा और होम गार्ड्स का निदेशक (डीजी) नियुक्त किया गया है.

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