नई दिल्ली: सीबीआई मसले पर शुक्रवार को सुनवाई शुरू हुई और उसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार समेत सभी पक्षों को नोटिस जारी किया है. चीफ जस्टिस रंजन गोगोई ने कहा कि वो इस मामले को देखेंगे. उन्होंने सीवीसी से अपनी जांच 2 हफ्ते के अंदर पूरा करने को कहा है. सीवीसी की जांच सुप्रीम कोर्ट के जज एके पटनायक की निगरानी में होगी. के. साथ ही कोर्ट की तरफ से कहा गया है कि नागेश्वर राव सिर्फ रुटीन कामकाज देखेंगे.
वहीं सुनवाई से पहले राकेश अस्थाना अपने वकील मुकुल रोहतगी से मिलने पहुंचे. वहीं रोहतगी ने कहा कि ये केस भी अन्य केस की तरह ही है. दरअसल, सीबीआई स्पेशल डायरेक्टर राकेश आस्थाना और सीबीआई डायरेक्टर आलोक वर्मा के बीच चल रहा विवाद जब सबके सामने आया, तब आलोक वर्मा और राकेश अस्थाना को छुट्टी पर भेज दिया गया. जिस पर आलोक वर्मा ने नारजगी जाहिर करते हुए सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की.
वहीं दूसरी तरफ आलोक वर्मा और राकेश अस्थाना को छुट्टी पर भेजे जाने के केंद्र सरकार के फैसले के खिलाफ कांग्रेस का धरना-प्रदर्शन शुरू हो गया है. कांग्रेस की तरफ से ये सभी धरना-प्रदर्शन दिल्ली में स्थित सीबीआी और राधानियों में सीबीआई के कार्यालायों के सामने किए जा रहे हैं. साथ ही काग्रेंस अध्यक्ष राहुल गांधी भी इस मार्च में थोड़ी देर में शामिल होंगे.
अपनी याचिका में उन्होंने केंद्र की तरफ से छुट्टी पर भेजे जाने तथा अंतरिम प्रभार 1986 बैच के भारतीय पुलिस सेवा के ओडिशा कैडर के अधिकारी तथा एजेंसी के संयुक्त निदेशक एम नागेश्वर राव को सैंपे जाने के फैसले पर रोक लगाने की मांग की है. जिस पर आज मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति रंजन गोगोई, न्यायमूर्ति एस. के. कौल और न्यायमूर्ति के. एम. जोसेफ की पीठ सुनवाई करेगी.
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वहीं इसके अलावा सीबीआई घूसकांड मामले को लेकर एक गैर सरकारी संगठन ‘कॉमन कॉज’ ने भी गुरूवार को एक याचिका दायर की. अपनी याचिका में संगठन की तरफ से कहा गया कि राकेश अस्थाना समेत अन्य अधिकारियों के खिलाफ लगे भ्रष्टाचार के मामले की जांच एसआईटी (विशेष जांच दल) से कराई जाए.