योगी ने जिंदा की पूर्वांचल में हिंदू युवा वाहिनी, बागी पूर्व महामंत्री समेत सात की ‘घर वापसी’
2019 के लोकसभा चुनाव के पहले मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की हिन्दू युवा वाहिनी ने मास्टर स्ट्रोक खेला है. 2017 के विधानसभा चुनाव के पहले उनके खास रहे कई पदाधिकारियों ने बागी तेवर अपनाते हुए हियुवा भारत नाम से नया संगठन खड़ा कर लिया और प्रत्याशियों की घोषणा कर उन्हें चुनाव मैदान में भी उतार दिया.
लेकिन, अब बागी हुए कई पदाधिकारियों की हियुवा में घरवापसी हुई है. वहीं उन पदाधिकारियों और कार्यकर्ताओं के लिए भी संगठन ने दरवाजे खोल दिए हैं, जिनकी विचारधारा नहीं बदली है.
पूर्व महामंत्री समेत सात कार्यकर्ताओं की वापसी
हियुवा के प्रदेश संयोजक और डुमरियागंज से भाजपा के विधायक राघवेन्द्र प्रताप सिंह और प्रदेश महामंत्री इं. पीके मल्ल की मौजूदगी में हियुवा के कार्यालय पर इसका औपचारिक ऐलान किया. उन्होंने पूर्व प्रदेश महामंत्री रहे रामलक्ष्मण, पूर्व प्रदेश उपाध्यक्ष और महराजगंज के रहने वाले श्रवण सिंह, अरुण भारती पूर्व प्रदेश मंत्री, वेद प्रकाश सिंह जिला संरक्षक संतकबीरनगर, श्याम बिहारी गौड़ पूर्व सह प्रभारी बस्ती मंडल, अजय गोविन्द राव पूर्व जिला प्रभारी कुशीनगर, अरविंद शर्मा पूर्व विभाग प्रभारी झांसी को संगठन में वापसी कराई.
विचारधारा से भटकाव नहीं था
विधायक राघवेन्द्र प्रताप सिंह ने कहा कि हियुवा के गठन के पहले और बाद में विपरीत परिस्थितियों में जिन लोगों ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के साथ संघर्ष किया था. वे लोग विधानसभा चुनाव के पहले रास्ते से भटक गए थे. लेकिन, विचारधारा से भटकाव नहीं था. वे लोग काफी दिनों से हमलोगों के संपर्क में थे. लेकिन आज पुनः एक साथ मिलकर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और उनके संगठन हियुवा के साथ मिलकर काम करना चाहते हैं. आज गोरखपुर के प्रदेश कार्यालय पर आज उनका माल्यार्पण करके उनका स्वागत किया गया है. भविष्य में इन लोगों को कुछ काम भी दिया जाएगा.
उन्होंने कहा कि जो विचारधारा से जुड़ा व्यक्ति होता है वो कहीं जाता है तो न उसे कोई स्वीकार कर पाता है और न ही वो किसी को स्वीकार कर पाता है. इसीलिए हम प्रदेश महामंत्री रहे रामलक्ष्मण और अन्य लोगों का स्वागत करते हैं. उन्होंने कहा कि बहुत सारे लोग जिन्हें कुछ लोगों ने गुमराह करके भटकाया था, वे लोग भी धीरे-धीरे आ जाएंगे. उनका हम स्वागत करते हैं. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के कार्यों को देखते हुए प्रदेश की जनता को लग रहा है कि हिन्दुत्व का नाम और काम कोई अगर कर सकता है, तो वे मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी ही कर सकते हैं.
हियुवा के दम पर पूर्वांचल में मुख्यमंत्री व पीठाधीश्वर आदित्यनाथ खूब चर्चा में रहे
कभी इसी हियुवा के दम पर पूर्वांचल में अपना दम भरने वाले गोरखपुर के सांसद रहे पीठाधीश्वर योगी आदित्यनाथ खूब चर्चा में रहे हैं. जब भी हिन्दुओं पर प्रदेश में कहीं अत्याचार हुआ, तो योगी की सेना वहां पर पहले पहुंच जाती रही है. ये सिलसिला उनके सीएम बनने के बाद भी जारी रहा है. लेकिन, 2017 के विधानसभा चुनाव के पूर्व हियुवा के प्रदेश अध्यक्ष सुनील सिंह, प्रदेश महामंत्री रामलक्ष्मण समेत दर्जनों पदाधिकारी और कार्यकर्ताओं ने बागी सुर अपना लिए. टिकट नहीं मिलने के कारण योगी की हियुवा से बागी हुए प्रदेश अध्यक्ष सुनील सिंह के नेतृत्व में नया संगठन हियुवा भारत खड़ा कर दिया गया.
इस संगठन के पदाधिकारी पहले तो योगी आदित्यनाथ को ही अपनी पार्टी का संरक्षक बताते रहे. लेकिन, मुख्यमंत्री बनने के बाद योगी आदित्यनाथ ने इस संगठन को सिरे से खारिज करते हुए बागी हुए लोगों को बाहर का रास्ता दिखा दिया था. उसके बाद एक मामले में हियुवा भारत का गठन करने वाले कभी मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के खास रहे सुनील सिंह को रासुका में छह माह जेल भी काटनी पड़ी. हाल ही में वे जमानत पर रिहा हुए और रिहा होते ही योगी और भाजपा को नेस्तनाबूत करने के लिए यमराज से भी गठबंधन करने में गुरेज नहीं करने का ऐलान तक कर डाला था.