समाजवादी पार्टी के पूर्व नेता अमर सिंह ने अपना एक भावुक वीडिया जारी किया है, जिसमें वे अमिताभ बच्चन से अपने किए गए बुरे व्यवहार के लिए माफी मांग रहे हैं। अमर सिंह ने अपने ट्विटर हैंडल से ये वीडिय़ो जारी किया है, जिसमें वे बच्चन परिवार के प्रति अपने व्यवहार को लेकर खेद जता रहे हैं।
Today is my father’s death anniversary & I got a message for the same from @SrBachchan ji. At this stage of life when I am fighting a battle of life & death I regret for my over reaction against Amit ji & family. God bless them all.
— Amar Singh (@AmarSinghTweets) February 18, 2020
उन्होंने ट्विटर पर लिखा, ‘मेरे पिता की आज पुण्यतिथि है और अमिताभ बच्चन ने मुझे हमेशा की तरह मैसेज किया है। जीवन के इस पड़ाव पर जब मैं जीवन और मृत्यु की लड़ाई लड़ रहा हूं मुझे अमित जी और उनके परिवार के खिलाफ अपनी प्रतिक्रिया के लिए खेद है। ईश्वर उन सभी को आशीर्वाद दे।’
अमर सिंह इन दिनों सिंगापुर में भर्ती हैं जहां उनका इलाज चल रहा है। अस्पताल के बेड से उन्होंने एक वीडियो जारी किया है। जिसमें उन्होंने कहा, ‘आज के दिन मेरे पिताजी का स्वर्गवास हुआ था। इस तारीख पर पिछले एक दशक से श्री अमिताभ बच्चन जी मेरे पिता जी की श्रद्धा में संदेश भेजते हैं। जब दो व्यक्तियों में बहुत अटूट स्नेह होता है और उसमें कम या अधिक अपेक्षा या उपेक्षाए होती हैं उन संबंधों में बहुत उबाल आता है। बड़ी उग्र प्रतिक्रिया आती है। संबंध जितना अधिक निकट होता है उसके टूट की चुभन भी उतनी तेज होती है।’
पूर्व सपा नेता ने कहा, ‘सिंह ने कहा कि पिछले 10 वर्षों से मैं बच्चन परिवार से न केवल अलग रहा बल्कि मैंने ये भी प्रयत्न किया कि उनके दिल में मेरे लिए नफरत हो। मगर आज फिर अमिताभफ बच्चनजी ने मेरे पिताजी का सुमिरन किया। तो मुझे ऐसा लगा कि, इसी सिंगापुर में गुर्दे की बीमारी के लिए मैं और अमित जी दो महीने तक साथ रहे और उसके बाद हमारा और उनका साथ छूट सा गया। 10 वर्ष बीत जाने के बाद भी उनकी निरंतरता में कोई बाधा नहीं आई। वे लगातार अनेक अवसरों पर अपने कर्तव्य का निर्वहन करते रहे।’
बच्चन परिवार से माफी मांगते हुए उन्होंने कहा, ‘मुझे लगता है कि मैंने अनावश्यक रूप से ज्यादा उग्रता दिखाई। मैं जिंदगी और मौत की चुनौती से गुजर रहा हूं। मुझे लगता है कि सार्वजनिक रूप से, वे उम्र में मुझसे बड़े हैं उनके प्रति नरमी रखनी चाहिए थी। जो कटु वचन मैंने बोले हैं उनके लिए खेद भी प्रकट कर देना चाहिए। मेरे मन में कटुता और नफरत से ज्यादा उनके व्यवहार के प्रति निराशा रही लेकिन उनके मन में न तो निराशा है और न ही कटुता।’