नई दिल्ली, डेस्क। कोरोना वायरस की गुत्थी में उलझी दुनिया को ये पता नहीं चल पा रहा है कि इस वायरस का आखिर केन्द्र बिंदु कहां है। ये वायरस चीन के वुहान की सी-फूड मार्केट से निकला है या फिर वर्ल्ड पावर बनने की महत्वाकांक्षा रखने वाले चीन की किसी लैब से। हालांकि, इन सब सवालों के बीच अमेरिका का कहना है कि कई अजीब चीजें निकलकर सामने आ रही है, लेकिन हम उस जड़ तक जल्द पहुंच जाएंगे, जहां से ये वायरस निकला है। अमेरिकी मीडिया के हवाले से खबर है कि इस समय अमेरिका उस थ्योरी पर काम कर रहा है, जिसमें कहा जा रहा है कि कोरोना वायरस वुहान की सी-फूड मार्केट से आया है और कभी कहा जा रहा है कि लैब से। अमेरिका दावा कर रहा है कि वो इसका पता लगाकर रहेगा।
व्हाइट हाउस में प्रेस वार्ता के दौरान संवाददाताओं के बीच ट्रंप ने कहा कि हम इसकी जांच कर रहे हैं। कई लोग इस पर गौर कर रहे हैं। ऐसा लगता है कि इसमें कुछ सच्चाई है। खुफिया विश्लेषक उन घटनाक्रमों को जुटा रहे हैं, जिसकी व्हाइट हाउस को जानकारी है और असल में जो हुआ उसकी सही-सही तस्वीर बना रहे हैं। ट्रंप ने कहा कि कई अजीब चीजें हो रही हैं, लेकिन अभी कई जांच होनी बाकी हैं। हम सच का पता लगाकर ही रहेंगे।
अमेरिकी खुफिया एजेंसी कोरोना वायरस के शुरुआती घटनाओं की कड़ियों को जोड़ कर देख रही है। ट्रंप ने कहा कि हमें कुछ साक्ष्य मिल रहे हैं और हम कोरोना की जड़ तक पहुंचने में कामयाब होंगे। सूत्रों का कहना है कि अमेरिका इस समय चीन की हर गतिविधियों के साथ वुहान इंस्टीट्यूट ऑफ वायरोलॉजी और वुहान सी फूड मार्केट पर अपनी आखें गड़ाए हुए है।
प्रेस कॉन्फ्रेंस में अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने सख्त लहजे में कहा कि मैं बस इतना कह सकता हूं कि ये कहीं से भी आया हो, लेकिन अब 184 देश इसकी मार को भुगत रहे हैं। ट्रंप ने चीन को लताड़ते हुए कहा कि अब वुहान इंस्टीट्यूट ऑफ वायरोलॉजी को दिया जाने वाला फंड भी बंद किया जाएगा। इस बीच ट्रंप ने भी खुलासा किया कि ओबामा प्रशासन ने चीन को 37 लाख डॉलर का अनुदान दिया था और हम अब आगे इसे समाप्त करेंगे। खबर ये भी है कि कई सांसदों ने अमेरिकी सीनेट को पत्र लिखकर अनुरोध किया था कि वुहान इंस्टीट्यूट ऑफ वायरोलॉजी के भविष्य के लिए दी जाने वाली फंडिंग को रोक दिया जाए। इससे पहले अमेरिका ने WHO की भी फंडिंग रोक दी। बता दें कि ट्रंप कई बार कोरोना वायरस को चाइनीज वायरस कह चुके हैं।