अमेरिकी शॉर्ट सेलर हिंडनबर्ग का अमेरिका में बैठकर शॉर्ट सेलिंग के जरिये कमाई का मनसूबा इस बार फेल हो गया है। अदाणी ग्रुप के शेयरों में कल की मामूली गिरावट के बाद आज अच्छी तेजी लौट आई है। आपको बता दें कि अदाणी समूह की सूचीबद्ध 10 कंपनियों में से 8 के शेयरों में तेजी देखने को मिल रही है। एक दिन पहले इन कंपनियों के शेयरों में गिरावट देखी गई थी।
अदाणी एनर्जी सॉल्यूशंस के शेयर में उछाल देखने को मिल रहा है। 12 बजे तक यह शेयर 2.30% की तेजी के साथ कारोबार कर रहा है। अदाणी टोटल गैस के शेयर में 2.42% की बढ़ोतरी अभी है। एनडीटीवी और अदाणी ग्रीन एनर्जी में भी तेजी देखने को मिल रही है। अदाणी विल्मर, एसीसी, अदाणी पावर, अदाणी पोर्ट्स भी हरे निशान में कारोबार कर रहे हैं। वहीं, अदाणी एंटरप्राइजेज और अंबुजा सीमेंट के शेयर में मामूली गिरावट देखने को मिल रही है। मार्केट एक्सपर्ट का कहना है कि अदाणी ग्रुप के शेयरों में आगे अच्छी तेजी देखने को मिल सकती है।
अमेरिकी शोध एवं निवेश कंपंनी हिंडनबर्ग रिसर्च की रिपोर्ट के बाद अदाणी समूह के शेयरों में सोमवार को गिरावट आई थी। हिंडनबर्ग ने शनिवार देर रात जारी अपनी नई रिपोर्ट में कहा था कि बाजार नियामक भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) की चेयरपर्सन माधबी पुरी बुच और उनके पति धबल बुच ने बरमूडा तथा मॉरीशस में अस्पष्ट विदेशी कोषों में अघोषित निवेश किया था। उसने कहा कि ये वही कोष हैं जिनका कथित तौर पर विनोद अदाणी ने पैसों की हेराफेरी करने तथा समूह की कंपनियों के शेयरों की कीमतें बढ़ाने के लिए इस्तेमाल किया था। विनोद अदाणी, अदाणी समूह के चेयरपर्सन गौतम अदाणी के बड़े भाई हैं।
आरोपों के जवाब में बुच दंपति ने रविवार को एक संयुक्त बयान में कहा कि ये निवेश 2015 में किए गए थे, जो 2017 में सेबी के पूर्णकालिक सदस्य के रूप में उनकी नियुक्ति तथा मार्च, 2022 में चेयरपर्सन के रूप में उनकी पदोन्नति से काफी पहले था। ये निवेश ‘‘ सिंगापुर में रहने के दौरान निजी तौर पर आम नागरिक की हैसियत से ’’ किए गए थे। सेबी में उनकी नियुक्ति के बाद ये कोष ‘‘निष्क्रिय’’ हो गए। वहीं अदाणी समूह ने भी सेबी प्रमुख के साथ किसी भी तरह के वाणिज्यिक लेन-देन से इनकार किया है।