सांसद अमृतपाल सिंह के पिता तरसेम सिंह ने हाल ही में एक महत्वपूर्ण घोषणा की है। उन्होंने बताया कि वे जल्द ही पंजाब में एक नई राजनीतिक पार्टी बनाएंगे और इसके नाम की घोषणा भी जल्दी करेंगे। साथ ही, उन्होंने यह भी कहा कि वे एसजीपीसी चुनावों में भाग लेने की योजना बना रहे हैं।
पंजाब के लोगों के हालात पर चिंता
तरसेम सिंह का यह ऐलान उस समय हुआ जब वे अपने परिवार के साथ रविवार को स्वर्ण मंदिर में माथा टेकने और अरदास के लिए पहुंचे थे। इस अवसर पर उन्होंने कहा कि पंजाब के लोग वर्तमान में बहुत बुरे हालात से गुजर रहे हैं, और उनकी आवाज को उठाने के लिए नई पार्टी का गठन करना आवश्यक है।
अमृतपाल सिंह का राजनीतिक सफर
अमृतपाल सिंह, जो ‘वारिस पंजाब दे’ के प्रमुख हैं, ने हाल ही में हुए लोकसभा चुनाव 2024 में पंजाब के खडूर साहिब सीट से निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में जीत दर्ज की थी। उन्होंने 5 जुलाई को सांसद के रूप में शपथ ली। इस चुनाव में उन्होंने अपने निकटतम प्रतिद्वंद्वी कांग्रेस के कुलबीर सिंह जीरा को 1,97,120 मतों से हराकर जीत हासिल की।
पिता की राजनीतिक सक्रियता
अमृतपाल सिंह के पिता तरसेम सिंह ने यह भी कहा कि उनके बेटे की स्थिति को लेकर सरकार पर लगातार आरोप लगाते रहे हैं। उनका कहना है कि सरकार ने उनके बेटे के खिलाफ राष्ट्रीय सुरक्षा कानून (NSA) का इस्तेमाल किया है, जो कि धोखाधड़ी के समान है। तरसेम सिंह ने अपने बेटे की रिहाई की मांग को लेकर आवाज उठाते हुए कहा कि वह किसी भी स्तर पर संघर्ष करेंगे।
अमृतपाल सिंह की जेल की स्थिति
गौरतलब है कि अमृतपाल सिंह इस समय असम के डिब्रूगढ़ जेल में बंद हैं। उनकी और उनके नौ सहयोगियों की हिरासत को जून में एक साल के लिए बढ़ा दिया गया था। इन सभी को पिछले साल मार्च से जेल में रखा गया है। अमृतपाल सिंह और उसके तीन सहयोगियों की हिरासत 24 जुलाई को समाप्त होने वाली थी, जबकि अन्य छह सहयोगियों की हिरासत 18 जून को खत्म होने वाली थी।
नई पार्टी के गठन का उद्देश्य
तरसेम सिंह ने यह स्पष्ट किया कि नई राजनीतिक पार्टी का गठन केवल चुनावी रणनीति नहीं, बल्कि पंजाब के लोगों के लिए एक नई आवाज उठाने का प्रयास है। वे चाहते हैं कि पंजाब के लोग अपने हक के लिए लड़ सकें और अपनी आवाज उठा सकें।
इस तरह के बड़े फैसले से यह स्पष्ट है कि तरसेम सिंह अपने बेटे के लिए एक नई दिशा देने की कोशिश कर रहे हैं। इस नई पार्टी के माध्यम से वे उम्मीद कर रहे हैं कि पंजाब के लोग एकजुट हो सकेंगे और उनकी समस्याओं का समाधान हो सकेगा।