आंध्र प्रदेश के तिरुपति बालाजी मंदिर में प्रसाद के लड्डू को लेकर चल रहा विवाद अब एक नया मोड़ ले चुका है। इस मामले की गंभीरता को देखते हुए आंध्र प्रदेश सरकार ने एक विशेष जांच दल (SIT) का गठन किया है। यह टीम लड्डू में मिलावट के आरोपों की जांच करेगी, जो हाल ही में मुख्यमंत्री एन. चंद्रबाबू नायडू ने उठाए थे।
मुख्यमंत्री के आरोपों ने बढ़ाया विवाद
मुख्यमंत्री ने आरोप लगाया है कि पूर्ववर्ती युवा कांग्रेस सरकार ने भगवान वेंकटेश्वर के मंदिर को भी नहीं बख्शा। उनके अनुसार, लड्डुओं को बनाने में घटिया सामग्री और पशु चर्बी का इस्तेमाल किया गया, जिससे करोड़ों हिंदुओं की भावनाएं आहत हुईं। इस बयान ने देशभर में एक बड़ा विवाद खड़ा कर दिया है, और लोग अब इस मामले में ठोस कार्रवाई की मांग कर रहे हैं।
SIT का नेतृत्व करेंगे सर्वश्रेष्ठ त्रिपाठी
आंध्र प्रदेश के मुख्य सचिव, नीरभ कुमार प्रसाद ने बताया कि सरकार ने तिरुमला तिरुपति देवस्थानम (TTD) की पवित्रता की रक्षा के लिए इस मामले की विस्तृत जांच करना जरूरी समझा। SIT का नेतृत्व गुंटूर रेंज के पुलिस महानिरीक्षक सर्वश्रेष्ठ त्रिपाठी करेंगे, और उनके साथ अन्य पुलिस अधिकारी भी इस जांच में शामिल रहेंगे।
वाईएसआरसीपी नेताओं की चिंताएं
वहीं, वाईएसआरसीपी के नेताओं ने इस SIT की तैनाती पर सवाल उठाए हैं। उनका कहना है कि जांच एक ऐसी एजेंसी द्वारा नहीं होनी चाहिए जो सीधे मुख्यमंत्री को रिपोर्ट करती हो। उन्होंने मांग की है कि इस मामले की जांच सुप्रीम कोर्ट की निगरानी में हो, ताकि निष्पक्षता पर कोई संदेह न हो।
पूर्व महाधिवक्ता की राय
पूर्व अतिरिक्त महाधिवक्ता पी सुधाकर रेड्डी ने भी चिंता जताई है। उनका कहना है कि लड्डू में मिलावट के आरोपों की जांच किसी ऐसे संगठन को नहीं करनी चाहिए जो मुख्यमंत्री के अधीन हो। पारदर्शिता सुनिश्चित करना बेहद जरूरी है ताकि जांच के नतीजे सभी के लिए विश्वसनीय बन सकें।