आंध्रप्रदेश गैस लीक केस: जानें इस प्लांट के बारे में सबकुछ, जहां से निकली गैस ने ले ली 8 जानें, हजारों को कर दिया बीमार

नई दिल्ली, राजसत्ता एक्सप्रेस। आंध्र प्रदेश के विशाखापत्तनम में पॉलिमर संयंत्र से गैस रिसाव के बाद एक बच्चे समेत कम से कम आठ लोगों की मौत हो गई। 800 से ज्यादा लोगों को अस्पताल में भर्ती कराया गया है। हजारों लोगों के जहरीली गैस से प्रभावित होने की आशंका है। अधिकारियों के मुताबिक, गैस रिसाव ने प्लांट के पांच किलोमीटर के दायरे में आने वाले गांवों को प्रभावित किया है। मुख्यमंत्री कार्यालय ने बताया कि मुख्यमंत्री वाई एस जगन मोहन रेड्डी घटना पर करीब से निगाह रख रहे हैं।

रेड्डी ने जिंदगियां बचाने और स्थिति को नियंत्रण में लाने के लिए हरसंभव कदम उठाने के लिए जिले के अधिकारियों से कहा है। उनके कार्यालय ने ट्वीट किया कि मुख्यमंत्री विशाखात्तनम में किंग जॉर्ज अस्पताल जाएंगे जहां बीमारों का इलाज चल रहा है।

स्थानीय प्रशासन और शहरी विकास मंत्री बी सत्यनारायण ने बताया कि एक आठ साल के बच्चे समेत कम से कम छह लोगों की मौत हो गई है और 800 से ज्यादा लोगों को अलग अलग सरकारी और निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया है। दक्षिण कोरिया की कंपनी एलजी पॉलिमर्स पॉलीस्टीरीन और कई कामों में आने वाला प्लास्टिक बनाती है जिसका इस्तेमाल अलग अलग तरह के उत्पाद बनाने में होता है जैसे खिलौने। यह 1961 से संचालित है। आइये आपको बताते हैं इस प्लांट से जुड़ी जरूरी बातें…

यह भी पढ़ें: आंध्र प्रदेशः केमिकल गैस लीक, 7 लोगों की दर्दनाक मौत, 100 से ज्यादा अस्पताल में भर्ती, पीएम मोदी ने जाना हाल

-एलजी पॉलिमर्स प्लांट दक्षिण कोरियाई बैटरी निर्माता कंपनी एलजी केमिकल लिमिटेड के अधीन है। कंपनी की वेबसाइट के अनुसार इस प्लांट में पॉलीस्ट्रीन प्रोडक्ट्स का निर्माण होता है।

-कंपनी इलेक्ट्रिक फैन ब्लेड, कप-कटलरी और कंटेनरों के निर्माण में उपयोग किए जाने वाले प्रोडक्ट तैयार करती है। मेकअप जैसे कॉस्मेटिक प्रोडक्ट्स के लिए।

-यहां बनाई जानें वाली वस्तुओं को तैयार करने के लिए स्टाइरीन का इस्तेमाल किया जाता है। स्टाइरीन अत्यधिक ज्वलनशील होता है और आग लगने पर इससे ज़हरीली गैस निकलती है।

-पॉलीस्ट्रीन और इससे जुड़े पॉलिमर तैयार करने के लिए 1961 में इसे “हिंदुस्तान पॉलिमर” के रूप में स्थापित किया गया था।

-1978 में, इसका यूबी समूह के मैक डॉवेल एंड कंपनी लिमिटेड के साथ विलय हो गया।

-1997 में, कंपनी को एलजी केम (दक्षिण कोरिया) ने अपने कब्जे में ले लिया और इसका नाम बदलकर एलजी पॉलिमर इंडिया प्राइवेट लिमिटिड (एलजीपीआई) कर दिया गया।

-एलजी केमिकल की दक्षिण कोरिया में स्टाईरेनिक्स के कारोबार में तगड़ी पकड़ है।

-कंपनी वर्तमान में भारत में पॉलिस्ट्रीन और इससे जुड़े प्रोडक्ट्स के अग्रणी निर्माताओं में से एक है।

Related Articles

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

Stay Connected

0FansLike
0FollowersFollow
0SubscribersSubscribe

Latest Articles