रामचरितमानस विवाद में एक के बाद एक नया मामला सामने आता जा रहा है। स्वामी प्रसाद मौर्य पर रामचरितमानस की प्रतियां फाड़ने, जलाने का मामला में एक और एफआईआर दर्ज हो गई है। पीजीआई थाने में स्वामी प्रसाद समेत 10 पर केस दर्ज किया गया है। आपराधिक साजिश, माहौल बिगाड़ने की धाराओं और धार्मिक भावनाएं भड़काने जैसी गंभीर धाराओं में केस दर्ज किया गया है।
स्वामी प्रसाद मौर्या पर दर्ज एफआईआर में कहा गया है कि 29 जनवरी को पूर्व सुनियोजित योजना के अनुसार एक आपराधिक षडयंत्र के तहत स्वामी प्रसाद मौर्य द्वारा राम चरित मानस की प्रति किये गये अपमान जनक टिप्पणी के समर्थन में उनकी सय से देवेन्द्र प्रताप यादव,यशपाल सिंह लोधी, सतेन्द्र कुशवाह, महेन्द्र प्रताप यादव, सुजीत यादव, नरेश सिंह, एस०एस यादव, सन्तोष वर्मा, सलीम व अन्य कुछ अज्ञात लोगो द्वारा आवास विकास आफिस सेक्टर 9 के पास नई रोडवेज गेट पर राम चरित मानस की प्रतियां फाड़ कर सार्वजनिक स्थान पर पैरो से कुचलते हुये जला दिये।
एफआईआर में कहा गया कि स्वामी प्रसाद मौर्या के समर्थन मे नारे बाजी किये तथा राम चरित मानस व राम चरित मानस के अनुयायियों पर अभद्र टिप्पणी किये जिससे वहां आक्रोश फैल गया अगल बगल के लोग आक्रोशित होकर इकठ्ठा होने लगे मै भी मौके पर मौजूद था आपत्ति किया लेकिन ये लोग नहीं माने और मुझे भी धमकाये इन लोगो द्वारा एक समुदाय की भावना को आहत करने सामप्रदायिक दंगा, वर्ग विद्वेष फैलाने हिंसा के लिये उकसाने लखनऊ तथा राज्य की लोक व्यवस्था व कानून व्यवस्था को खराब करने व माहौल बिगाड़ने के लिये जान बूझ कर ऐसा जघन्य कृत्य किया है जिससे आम जन मानस में अत्यन्त आक्रोश है।