कौशल विकास घोटाला मामले में चंद्रबाबू नायडू को हाई कोर्ट से बड़ी राहत, 52 दिन बाद मिली जमानत

आंध्र प्रदेश के पूर्व सीएम चंद्रबाबू नायडू को कौशल विकास स्कैम केस में मेडिकल आधार पर हाईकोर्ट ने अंतरिम जमानत दे दी। उच्च न्यायालय ने आज मंगलवार को आंध्र प्रदेश राज्य कौशल विकास निगम (एपीएसएसडीसी) घोटाला मामले में पूर्व मुख्यमंत्री एन. चंद्रबाबू नायडू को बिगड़ते स्वास्थ्य को आधार मानते हुए उन्हें चार सप्ताह के लिए अंतरिम जमानत दी।

इस मामले की सुनवाई कर रहे न्यायमूर्ति टी. मल्लिकार्जुन राव ने मोतियाबिंद सर्जरी सहित उनके इलाज के लिए 28 नवंबर तक अंतरिम जमानत दे दी। यह अंतरिम जमानत नायडू को कुछ शर्तों के तहत दी गई है। इस शर्त में नायडू को 1 लाख रुपये की जमानत राशि जमा करने का निर्देश दिया गया है। अदालत ने सख्त लहजे में उनसे मामले से जुड़े किसी भी व्यक्ति को प्रभावित नहीं करने और 29 नवंबर को आत्मसमर्पण करने को कहा। राजनीतिक विशेषज्ञों की मानें तो अदालत का यह आदेश 52 दिनों से जेल में बंद 73 वर्षीय नेता के लिए बहुत बड़ी राहत है।

हाई कोर्ट तेलुगु देशम पार्टी (टीडीपी) प्रमुख की नियमित जमानत याचिका पर 10 नवंबर को सुनवाई करेगी। अपराध जांच विभाग (सीआईडी) ने 9 सितंबर को कौशल विकास घोटाले में नायडू को गिरफ्तार किया था, जो कथित तौर पर उनके मुख्यमंत्री रहते हुए हुआ था। वह फिलहाल राजमुंड्री सेंट्रल जेल में बंद हैं। विजयवाड़ा एसीबी कोर्ट ने 9 अक्टूबर को उनकी जमानत याचिका खारिज कर दी थी। टीडीपी सुप्रीमो ने आदेश को उच्च न्यायालय में चुनौती दी थी।

बाद में, उनके वकीलों ने जेल में उनके बिगड़ते स्वास्थ्य स्थिति को देखते हुए अंतरिम जमानत के लिए याचिका दायर की। नायडू की ओर से डी. श्रीनिवास ने मामले की पैरवी की। वरिष्ठ वकील सिद्धार्थ लूथरा ने वर्चुअली अपनी दलीलें पेश कीं। सरकार की ओर से अतिरिक्त महाधिवक्ता पी. सुधाकर रेड्डी ने मामले की पैरवी की। दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद अदालत ने सोमवार को अपना आदेश सुरक्षित रख लिया था। नायडू और अन्य पर आरोप है कि उन्होंने कौशल विकास केंद्र स्थापित करने के नाम पर सरकारी खजाने को 300 करोड़ रुपये का नुकसान पहुंचाया।

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