दुनिया की फैक्ट्री कहे जाने वाले चीन को अमेरिकी कंपनी एप्पल ने जबरदस्त झटका दिया है. आईफोन बनाने वाली यह कंपनी अपने न्यू जनरेशन आईफोन की बैटरी का उत्पादन करने के लिए भारत की ओर देख रही है.एक प्रतिष्ठित न्यूज वेबसाइट की रिपोर्ट के मुताबिक, चीन पर निर्भरता कम करने के लिए एप्पल अपने आईफोन 16 की बैटरीज भारत में बनवाना चाहता है.
रिपोर्ट में एप्पल से जुड़े सूत्रों के हवाले से कहा गया है कि कंपनी ने अपने कंपोनेंट सप्लायर्स को आईफोन 16 के लिए बैटरी को भारतीय कारखानों से प्राप्त करने की प्राथमिकता के बारे में सूचित कर दिया है. चीन की कंपनी डेसाई से भारत में एक बैटरी बनाने की फैक्ट्री डालने का आग्रह किया गया है. वहीं, ताइवान की बैटरी सप्लायर सिम्पलो टेक्नोलॉजी को भविष्य में ऑर्डर प्राप्त करने के लिए भारत में अपना उत्पादन बढ़ाने के लिए कहा गया है. अगर आईफोन 16 के लिए बैटरी सप्लाई का डाइवर्सिफिकेशन स्मूथली चलता है तो कंपनी अपने दूसरे आईफोन्स की बैटरी का उत्पादन भी भारत में ट्रांसफर करने पर विचार कर सकती है.
तमाम कोशिश के बाद भी चीन और अमेरिका के व्यापारिक और राजनीतिक रिश्ते पटरी पर लौटते नहीं दिख रहे हैं. इसलिए भविष्य के संभावित खतरे को देखते हुए अमेरिकी कंपनियां चीन पर अपनी निर्भरता को कम करने की कोशिश में लगी हुई हैं. भारत पहले से ही एप्पल के लिए आईफोन को असेंबल करने और मैन्यूफैक्चर करने के लिए एक बेस है. दुनिया की कड़ी नामचीन कंपनियां चाइना+1 पॉलिसी पर काम कर रही हैं. यानी वो अपने उत्पादन के लिए चीन का विकल्प खोज रही हैं.
लो लेबर कॉस्ट और स्किल्ड लेबर की वजह से भारत इन कंपनियों के लिए इस खोज में नंबर वन विकल्प बना हुआ है. इस महीने की शुरुआत में केंद्रीय मंत्री राजीव चंद्रशेखर ने घोषणा की थी कि जापानी इलेक्ट्रॉनिक पार्ट मेकर टीडीके कॉर्प भारत में एप्पल आईफोन्स के लिए लिथियम-आयन बैटरी का उत्पादन शुरू करेगा.