लेखिका अरुंधति रॉय पर आतंकवाद विरोधी कानून के तहत चलेगा मुकदमा, जानिए क्या है मामला

नई दिल्ली। जानी-मानी लेखिका और बुकर पुरस्कार विजेता अरुंधति रॉय एक बड़ी मुश्किल में घिर गई हैं। अरुंधति पर आतंकवाद विरोधी कानून (यूएपीए) के तहत मुकदमा चलाने चलाया जाएगा। इसके लिए दिल्ली के राज्यपाल वी.के. सक्सेना ने मंजूरी प्रदान कर दी है। यह मामला साल 2010 का है। राजनीतिक कैदियों की रिहाई समिति द्वारा कश्मीर पर आयोजित ‘आजादी-एक मात्र रास्ता’ कार्यक्रम का आयोजन किया गया था। इस सम्मेलन में अरुंधति रॉय ने देश विरोधी बयानबाजी की थी, इसके बाद उनके खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई गई थी।

इस सम्मेलन में मौजूद हुर्रियत कट्टरपंथी सैय्यद अली शाह गिलानी और एक अन्य पर भी भड़काऊ भाषण देने के आरोप में शिकायत दर्ज कराई गई थी। ये केस कश्मीरी पंडित समूह, रूट्स इन कश्मीर की ओर से केस दर्ज कराया गया था। हालांकि मामला लंबित रहने के दौरान ही गिलानी और दूसरे आरोपी की म‍ृत्यु हो गई। शिकायतकर्ता ने अरुंधित, गिलानी व अन्य पर आरोप लगाया था कि उन्होंने ‘आजादी-एक मात्र रास्ता’ सम्मेलन के दौरान जानबूझ कर भारत विरोधी, राष्ट्र विरोधी बयान दिए। इस तरह के बयान देने के पीछे उनका उद्देश्य कश्मीर के युवाओं को भारतीय सेना के जवानों के खिलाफ उकसाने और भड़काने का था। जिससे घाटी में सेना कमजोर पड़ जाए।

अरुंधति रॉय की टिप्पणियों ने उस समय एक बड़ा विवाद खड़ा कर दिया था। कश्मीर पर की गई अरुंधति रॉय की टिप्पणी के खिलाफ बीजेपी महिला मोर्चा की सदस्यों का गुस्सा फूट पड़ा था और उन्होंने अरुंधति के आवास के बाहर जोरदार प्रदर्शन किया था। इस दौरान कुछ सदस्यों ने रॉय के घर में भी घुसने की कोशिश की थी जिन्हें पुलिस ने रोक दिया था। आपको बता दें कि अरुंधित रॉय को ‘द गॉड ऑफ़ स्मॉल थिंग्स’ के लिए बुकर पुरस्कार से सम्मानित किया जा चुका है। अरुंधति नर्मदा बचाओ आंदोलन का भी हिस्सा रही हैं। उन्होंने कुछ फिल्मों में भी काम किया है।

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